नई दिल्ली: डोकलाम विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन को करारा जवाब दिया है. सुषमा स्वराज ने आज संसद में कहा है कि पहले चीन डोकलाम से अपनी सेना हटाए उसी के बाद भारत अपनी सेना हटाने पर विचार करेगा. सुषमा ने कहा है कि भारत अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं.


भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता- सुषमा


सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में कहा, ‘’डोकलाम विवाद पर भारत को कतई घेरा नहीं जा सकता. भूटाने जैसे छोटे देश पर चीन हावी हो रहा है. सभी देश मानते हैं कि भारत ने इस मामले पर जो भी मत रखा है वह बिलकुल सही है.’’ उन्होंने कहा, ‘’भारत और चीन की सीमा अभी तय होनी है, वहीं चीन और भूटान की सीमा भी अभी तय होनी है. अगर चीन भारत की सुरक्षा को कोई नुकसान पहुंचाएगा तो भारत सहन नहीं करेगा.’’


भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है चीन- मुलायम


कल समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी इस विवाद पर राज्यसभा में कहा था, ‘’भारत का सबसे बड़ा दुश्मन चीन है और पाकिस्तान भारत का कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता. मुलायम सिंह यादव ने कहा कि चीन भूटान पर कब्जा कर रहा है.


डोकलाम विवाद पर भारत और चीन के बीच तनातनी बढ़ रही है और गतिरोध गहराता जा रहा है. दोनों देशों की तरफ से सीमा पर हलचल तेज़ होती जा रही है.


क्या है डोकलाम विवाद?


दरअसल डोकलाम जिसे भूटान में डोलम कहते हैं. करीब 300 वर्ग किलोमीटर का ये इलाका चीन की चुंबी वैली से सटा हुआ है और सिक्किम के नाथुला दर्रे के करीब है. इसलिए इस इलाके को ट्राई जंक्शन के नाम भी जाना जाता है. ये डैगर यानी एक खंजर की तरह का भौगोलिक इलाका है, जो भारत के चिकन नेक यानी सिलिगुड़ी कॉरिडोर की तरफ जाता है. चीन की चुंबी वैली का यहां आखिरी शहर है याटूंग. चीन इसी याटूंग शहर से लेकर विवादित डोलम इलाके तक सड़क बनाना चाहता है.


इसी सड़क का पहले भूटान ने विरोध जताया और फिर भारतीय सेना ने. भारतीय सैनिकों की इस इलाके में मौजूदगी से चीन हड़बड़ा गया है. चीन को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा कि जब विवाद चीन और भूटान के बीच है तो उसमें भारत सीधे तौर से दखलअंदाजी क्यों कर रहा है.16 जून से भारत और चीन की सेना के बीच गतिरोध जारी है.