Delhi Shraddha Murder Case: दिल्ली के बहुचर्चित श्रद्धा मर्डर केस ने पूरे देश में सनसनी फैला दी है. इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस के अनुसार, आफताब (Aftab) ने श्रद्धा को बहस के बाद गुस्से में मार डाला था, लेकिन फिर शव को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया. आफताब अमीन पूनावाला ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि श्रद्धा वॉकर की लाश को पहली मंजिल के फ्लैट से हटाना जोखिम भरा था, इसलिए उसने शरीर को टुकड़ों में काटने और उन्हें अलग-अलग जगह फेंकने का फैसला किया.


पुलिस अधिकारियों ने कहा कि बीते मई के महीने में दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर पहाड़ी इलाके में एक किराए का फ्लैट लेने के तीन दिन बाद दोनों के बीच बहस हुई थी जिसके बाद आफताब ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया. पुलिस के मुताबिक, दोनों के बीच की कहासुनी मारपीट में बदल गई. पूनावाला के खुलासे के हवाले से पुलिस ने कहा कि इसने कथित तौर पर गुस्से में आकर पीड़िता को बिस्तर पर पटक दिया, उसकी छाती पर बैठ गया और बिना किसी पूर्व योजना के गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी. आरोपी को संदेह था कि श्रद्धा का किसी अन्य व्यक्ति के साथ संबंध था. 


श्रद्धा की हत्या के बाद बनाई योजना


पुलिस ने कहा कि हत्या के बाद आरोपी ने जो कुछ भी किया जैसे शरीर को काटना, आधी रात के बाद टुकड़ों का निपटान करना और श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट को एक्टिव रखना, ये सब योजना बनाकर किया गया. पूनावाला के खुलासे का हवाला देते हुए एक जांचकर्ता ने कहा कि हमारे पास ये मानने के कारण हैं कि पूनावाला ने गुस्से में वॉकर को मार डाला. उसने दावा किया कि वह हत्या के बाद घबरा गया था. इसके बाद उसने शव को ठिकाने लगाने के तरीकों की योजना बनाने में पूरी रात बिताई. उसने डेक्सटर सहित टीवी शो में देखी गई सभी चीजों को याद किया और उन्हें इस्तेमाल करने का फैसला किया. 


शव को काटने के लिए बाजार से खरीदा सामान


एक अधिकारी ने पहचान न बताने का अनुरोध करते हुए कहा कि श्रद्धा के शव के टुकड़े करने के लिए आफताब हत्या के एक दिन बाद 19 मई की सुबह 10 बजे के करीब पास के बाजार में गया और रसोई के बर्तनों की दुकान से 150 रुपये में एक हैक्सॉ और तीन धातु काटने वाले ब्लेड खरीदे. अधिकारी ने कहा कि उसने काले प्लास्टिक कचरा बैग भी खरीदे और नकद भुगतान किया. फिर उसने ये पता लगाया कि शरीर के अंगों को कैसे संरक्षित किया जाता है. आफताब ने दुकान से 19,000 रुपये का एक रेफ्रिजरेटर खरीदा और ऑनलाइन पेमेंट किया था. एक घंटे के भीतर फ्रिज उसके फ्लैट पर पहुंचा दिया गया. उसने ये सुनिश्चित किया कि फ्रिज को घर ले जाने वाले मजदूर फ्लैट में प्रवेश न करें. 


आवाज बाहर न जाए इसलिए पानी की टोंटी चालू रखी


अधिकारी ने कहा कि उसने पानी को दो कारणों से चालू कर दिया था. एक तो रक्त को नाली में प्रवाहित करने के लिए और दूसरा ये भी सुनिश्चित करने के लिए कि जब वह शरीर को काटे तो आवाज पड़ोसियों तक न जाए. पूनावाला ने पुलिस को बताया कि हैकसॉ से शव को काटना मुश्किल था, इसलिए उसे दो दिन लग गए. उन दो दिनों के दौरान, वह बाहर नहीं गया और अपना खाना ऑनलाइन ऑर्डर किया. शव के टुकड़े करने के बाद पूनावाला ने कथित तौर पर सभी अंगों को पानी से धोया और काले कचरे के बैग में पैक कर दिया, जिसे उसने फ्रिज में रख दिया था.


जंगली इलाके में टुकड़े फेंकने शुरू किए


21 मई को रात लगभग 2 बजे, उसने अपने बैग में शरीर के कुछ कटे हुए हिस्सों के साथ एक बैग रखा और फ्लैट से निकल गया. वह लगभग एक किलोमीटर तक गया और छतरपुर पहाड़ी के श्मशान घाट के पास एक जंगली इलाके में शरीर के अंगों को फेंक दिया. उसने शव के साथ कचरा बैग नहीं फेंका. पुलिस ने कहा कि इसके बजाय उसने अपने फ्लैट पर वापस जाने के रास्ते में बैग को कचरे के डिब्बे में फेंक दिया. 


तीन महीने तक बॉडी पार्ट फेंकता रहा


अधिकारी ने कहा कि पूनावाला ने हमें बताया कि उसने तीन महीने तक शरीर के अंगों का निपटान किया. उसने शरीर के जो अंतिम अंग फेंके थे उनमें सिर भी शामिल था. आरोपी ने पीड़िता के कपड़े छतरपुर में कचरे के डिब्बे में फेंक दिए थे. उसने अपने खून से सने कपड़ों के साथ-साथ हैक्सॉ के साथ भी ऐसा ही किया, जिसे उसने कथित तौर पर अपने घर से लगभग एक किलोमीटर दूर धान मिल के पास एक जंगली इलाके में फेंक दिया था. 


श्रद्धा का फोन नदी में फेंका


पुलिस ने कहा कि पूनावाला ने उन्हें बताया कि उसने रसोई, बाथरूम, फर्श और फ्रिज को साफ करने के लिए हाइपोक्लोरस तेजाब और फर्श की सफाई करने वाले रसायनों का इस्तेमाल किया. फिर भी, जांचकर्ताओं ने रसोई से खून के निशान मिले हैं. जांचकर्ताओं ने कहा कि पूनावाला ने उन्हें बताया कि वॉकर की हत्या करने के बाद उसने उसका सेलफोन चालू रखा और उसके दोस्तों को मैसेज भेजने के लिए उसके इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल किया. 31 मई के बाद, उसने श्रद्धा का सेलफोन बंद कर दिया और मुंबई जाते समय उसे एक नदी में फेंक दिया. मुंबई से लौटने के बाद, उसने गुरुग्राम में एक कॉल सेंटर में काम करना शुरू किया था. 


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