शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे (UBT) गुट की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार (29 नवंबर, 2025) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के एक बयान पर पलटवार किया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “हमारा देश ऐसा है, जिसने इतिहास में ही चार धर्मों को जन्म दिया है. हमारे देश ने दूसरों को शरणार्थी बनाकर अपने यहां पनाह भी दी है. इसलिए यह जो हमारा धर्म है, यह हमारी सभ्यता है और यह सिर्फ हमारे देश तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे धर्म और संस्कृति की पहचान भी है.”

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उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि इस विषय पर किसी भी तरह का राजनीतिक बयान देना गलत है और हमारी सोच वसुधैव कुटुंबकम की रही है, जहां हम सभी मिल-जुलकर रह सकते हैं और उस पर जो ध्रुवीकरण करने का काम किया जा रहा है, तो साफ है इससे राजनीतिक फायदा किसे मिल रहा है.”

राष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव में बोले संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार (29 नवंबर, 2025) को महाराष्ट्र के नागपुर जिले में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक महोत्सव को संबोधित किया. कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्र की अवधारणा के मामले में भारत का दृष्टिकोण पश्चिमी व्याख्याओं से मूल रूप में भिन्न है. वे राष्ट्र की हमारी अवधारणा को समझ नहीं पाते, इसलिए उन्होंने इसे राष्ट्रवाद कहना शुरू कर दिया.

हम हमेशा से एक राष्ट्र हैं- मोहन भागवत

सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, “अगर पश्चिमी देशों के संदर्भ में राष्ट्र की परिभाषा समझी जाए तो वह एक राष्ट्र की व्यवस्था होती है, लेकिन भारत तो हमेशा से एक राष्ट्र रहा है. हमारा राष्ट्र राज्यों का बनाया हुआ नहीं हैं. जब राज्य नहीं थे, तब भी हमारा राष्ट्र था, जब अनेक राज्य हुए तब भी हमारा राष्ट्र था. जब यहां एक चक्रवर्ती सम्राट थे, तब भी हम थे, जब अंग्रेजों से हमें आजादी मिली तब तो हम राष्ट्र थे ही, लेकिन जब हमारा देश गुलाम था, तब भी हमारा राष्ट्र था. हम पहले से ही एक राष्ट्र रहे हैं.” उन्होंने कहा, “गांधी जी ने हिंद स्वराज में लिखा था कि अंग्रेजों के आने के पहले हम सभी एक नहीं थे, ये अंग्रेजों की ही हमें पढ़ाई हुई उल्टी पट्टी है.”

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