जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के सुप्रीम कोर्ट और जिहाद शब्द को लेकर दिए गए बयान पर अब विवाद बढ़ गया है. उनके बयान पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) का रिएक्शन सामने आया है. वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि उन्होंने मुस्लिम युवाओं को भड़काया और गुमराह किया है. 

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विनोद बंसल ने कहा, 'अगर मौलाना मदनी जैसे लीडर, जिन्हें मुस्लिम कम्युनिटी आइडियल मानती है, सभी मुसलमानों को 'जिहादी' कहते हैं, सभी मुसलमानों को ज़ुल्म का शिकार कम्युनिटी कहते हैं और सभी मुसलमानों से 'जिहाद' करने को कहते हैं, जो सभी नॉन-मुसलमानों को 'मुर्दा' कहते हैं - तो मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि क्या सभी फ्रीडम फाइटर्स और आर्मी के जवान 'मुर्दा कौम' हैं.'

मदनी ने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाए: बंसल

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वीएचपी प्रवक्ता ने आगे कहा, 'उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम होना चाहिए और सुप्रीम काम भी करना चाहिए. क्या वह उन्हें इसके लिए सर्टिफिकेट देंगे? यह 'जिहाद' की इंतहा है. उन्होंने मुस्लिम युवाओं को भड़काया और गुमराह किया है, उन्होंने उन्हें टेररिज्म के रास्ते पर धकेलने की कोशिश की है. सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए. मुस्लिम कम्युनिटी को तय करना चाहिए कि ऐसी भड़काने वाली लीडरशिप उन्हें मंज़ूर है या नहीं.'

वीएचपी प्रवक्ता ने सरकार से कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही मुस्लिम समुदाय से भी अपील की है कि मदनी जैसे नेता को सबक चाहिए. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, महमूद मदनी ने भोपाल में एक कार्यक्रम में जिहाद शब्द लेकर उठाए जा रहे सवालों पर अपत्ति जताते हुए, एक विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिहाद इस्लाम और मुसलमानों के दुश्मनों ने जिहाद जैसे इस्लाम के पवित्र विचारों को गलत इस्तेमाल, गड़बड़ी औऱ हिंसा से जुड़े शब्दों में बदल दिया है. 

इसके अलावा मदनी ने खुले तौर पर कहा कि जब जब जुल्म होगा, तब तब जिहाद होगा. उन्होंने लव जिहाद, लैंड जिहाद, एजुकेशन जिहाद और थूक जिहाद जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर भी अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि जब-जब जुल्म होगा, तब-तब जिहाद होगा.