तृणमूल कांग्रेस (TMC) विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने के बयान के बाद देश में सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बयान पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मस्जिद बनाना हर व्यक्ति का वैधानिक अधिकार है, लेकिन उसका नाम बाबरी मस्जिद रखना किसी भी रूप में उचित नहीं है क्योंकि इससे अतीत का निपटा हुआ विवाद दोबारा भड़क सकता है.
मौलाना रजवी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हुमायूं कबीर मुर्शिदाबाद में मस्जिद की नींव 6 दिसंबर को रखने की योजना बना रहे हैं. इस पर उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल जहां जरूरत हो, बनाए जा सकते हैं, बशर्ते वह पूरी तरह कानूनी दायरे में हों. उन्होंने स्पष्ट कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद पूरी तरह समाप्त हो चुका है और वहां राम मंदिर का निर्माण हो चुका है. ऐसे में इस विवाद को पुनर्जीवित करने की कोई जरूरत नहीं है.
मस्जिद का नाम बाबरी ना रखा जाए: रज़वी
उन्होंने टीएमसी विधायक पर आरोप लगाया कि इस तरह का बयान देकर वे देश का शांतिपूर्ण माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. मौलाना रजवी ने कहा, 'आप मस्जिद बनाइए, उसका कोई भी नाम रखिए, लेकिन ‘बाबरी मस्जिद’ मत रखिए. एक विवाद बड़ी मुश्किल से खत्म हुआ है, उसे दोबारा जीवित मत कीजिए. आज भारत का माहौल बहुत अच्छा है, लोग मिलजुल कर रह रहे हैं. ऐसे समय में दिलों और समाज में दरार डालने वाले बयान देने से बचना चाहिए.'
उन्होंने अपनी अपील में दोहराया कि देश में अमन-चैन बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है और राजनीतिक लाभ के लिए संवेदनशील मुद्दों को हवा देना समाज के हित में नहीं है.
6 दिसंबर को आधारशिला रखने का किया था ऐलान
टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने ऐलान किया था कि वह मुर्शिदाबाद में एक मस्जिद बनवाएंगे और उसका नाम बाबरी मस्जिद रखेंगे. हुमायूं कबीर ने कहा था, 'हम 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखेंगे. इसे पूरा होने में 3 साल लगेंगे.' हुमायूं कबीर के इसी बयान के बाद सियासी विवाद खड़ा हो गया है.