Sardar Patel Punyatithi: भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की आज यानी गुरुवार (15 दिसंबर) को पुण्यतिथि है. वैसे तो सरदार पटेल को कई वजहों से याद किया जाता है लेकिन उनमें सबसे प्रमुख है आजाद भारत को एकजुट करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका. सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई राजनेताओं ने श्रद्धांजलि दी.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और भारत के लिए पटेल के चिरस्थायी योगदान को याद किया. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैं सरदार पटेल को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और भारत में उनके चिरस्थायी योगदान को याद करता हूं, खासकर हमारे राष्ट्र को एकजुट करने और सर्वांगीण विकास को गति देने में.’’






गृह मंत्री शाह ने यह कहा


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सरदार पटेल को याद करते हुए एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो शेयर करते हुए अमित शाह ने लिखा, "सरदार पटेल सिर्फ कल्पना करने वाले व्यक्ति नहीं, बल्कि कल्पना को जमीन पर चरितार्थ करने के लिए कठोर परिश्रम करने वाले कर्मयोगी थे. हिमालय जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति और नेतृत्व क्षमता के कारण ही देश ने उन्हें सरदार माना. राष्ट्र के प्रेरणापुंज सरदार साहब की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटिशः नमन."






भारत को एकजुट करने में अहम भूमिका


सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था. उनका निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था. एक गृह मंत्री के तौर पर उन्होंने देश की करीब 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारत में विलय कराया था. ऐसा करके उन्होंने भारतीय एकता के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाई थी. वह हमेशा कहते थे, "कठिन समय में कायर बहाना ढूंढते हैं जबकि बहादुर व्यक्ति इस स्थिति में रास्ता खोजते हैं."


एकता के पक्षधर थे सरदार पटेल


सरदार वल्लभभाई पटेल को नवीन भारत का निर्माता भी कहा जाता है और उनके साहसिक कार्यों की वजह से ही उन्हें 'लौह पुरुष' और 'सरदार' जैसी उपाधियों से नवाजा गया था. वह हमेशा एकता के पक्षधर रहे. वह कहते थे, "आम प्रयास से हम देश को एक नई महानता तक ले जा सकते हैं जबकि एकता की कमी हमें नई आपदाओं में डाल देगी." उनका कहना था, "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए."


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