Ram Mandir Construction: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर (Ram Janbhumi temple) का गर्भगृह राजस्थान (Rajasthan) के कारीगर बना रहे हैं. गर्भगृह को प्रदेश के मकराना के संगमरमर पत्थरों से तैयार किया जा रहा है जिसका ठेका आर्किटेक्ट जियाउल उस्मानी कंपनी को दिया गया है और रमजान सेठ पत्थरों को तराश रहे है. 


रमजान सेठ ने खास बातचीत में बताया कि तीनों जगह गर्भगृह के अलग-अलग हिस्से तैयार हो रहे हैं. रमजान ने बताया कि गर्भगृह तीन मंजिल का बनेगा. राम सिंहासन की डिजाइन बन रही है. सिंहासन के लिए बेहतरीन संगमरमर मार्बल तलाशा जा रहा है. मार्बल के स्ट्रक्चर में सोने-चांदी की परतें चढ़ी होंगी.


क्या होगी गर्भगृह की खासियत?
कुल 440 वर्गफीट का होगा गर्भगृह, ऊंचाई 16 फीट गर्भगृह के नक्शे के मुताबिक, यह सफेद दूधिया मार्बल का होगा. कुल जगह 440 वर्गफीट होगी ऊंचाई 16 फीट रहेगी. उसके ऊपर कलश स्थापित होगा. सभी को मिलाकर यह तीन मंजिला गर्भगृह बनाया जाएगा. जिस जगह रामलला का सिंहासन बनेगा और भगवान राम की विशाल मूर्ति स्थापित होगी, वह पूरा एरिया कुल 110 वर्गफीट का होगा. इसकी दीवारें 3 फीट चौड़ी होंगी. उनके बीच प्रत्येक मंजिल पर 8-8 दरवाजे लगाए जाएंगे.गर्भगृह में 15,000 घनफीट मार्बल लगेगा.


कितने पत्थर भेजे जा चुके हैं अयोध्या?
रमजान सेठ ने बातचीत में बताया था कि मकराना की अलग-अलग कार्यशालाओं से अब तक 7,000 घनफीट पत्थर तैयार कर अयोध्या भेजे जा चुके हैं. इनमें पिलर, दरवाजों की चौखट, बीम और फर्श का पत्थर शामिल है. ताज महल से भी बेहतरीन मार्बल उच्च क्वॉलिटी के मार्बल जो कभी भी पीले नहीं होंगे को अयोध्या भेजा जा चुका है. 


रमजान सेठ बताते हैं कि इसी मकराना मार्बल से आगरा का ताज महल और कोलकाता का विक्टोरिया पैलेस बना है. लेकिन राम मंदिर में लग रहा पत्थर दोनों से बेहतर क्वालिटी वाला है. इमसें करीब 99% कैल्सियम है और आयरन की मात्रा बिल्कुल भी नहीं है. इसलिए जीवन भर यह मंदिर अपनी सफेद चमक बिखेरता रहेगा और इसमें कभी भी पीलापन नहीं आएगा. पत्थर की दूसरी खूबसूरती यह है कि इस पर जितने लोग चलेंगे, हाथ लगाएंगे, कपड़े से साफ किया जाएगा या पानी से धोया जाएगा, यह निखरता ही जाएगा.


मंदिर के फ्लोर पर होंगे कितने दरवाजे?
रामलला के मंदिर में तीन फ्लोर होंगे. हर फ्लोर पर तीन तरह के 8-8 दरवाजे होंगे. पहला मुख्य दरवाजा, फिर अलग-अलग दिशाओं में परिक्रमा वाले एरिया में खुलने वाले तीन छोटे दरवाजे होंगे. उसके आगे बाहरी परिसर, जहां लोग जमा हो सकेंगे, वहां चार अन्य दरवाजे खुलेंगे. हर दिशा से रामलला के दर्शन किए जा सकेंगे. सभी प्रकार के दरवाजों की नक्काशी अलग है.


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