Continues below advertisement

सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू ने शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) को लोकसभा में कहा कि पूरे साल के लिए हवाई किराए पर सीमा तय नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा, "हवाई टिकटों की कीमतों पर नजर रखने के लिए डीजीसीए में एक टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट बनाई गई है, जो यह देखती है कि एयरलाइंस मंजूर टैरिफ शीट के हिसाब से किराया तय कर रही हैं या नहीं." उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता बढ़ती है और हाई किराए की शिकायतों पर तुरंत ऐक्शन लेना आसान होता है.

'पूरे साल के लिए किराया कैप करना संभव नहीं'

Continues below advertisement

केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, "किसी खास रूट पर पूरे साल के लिए किराया कैप करना संभव नहीं है. इसकी वजह यह है कि मार्केट की डिमांड और सप्लाई ही फाइनल प्राइस तय करती है. सरकार जरूरत पड़ने पर दखल देती है लेकिन पूरे साल एक तय किराया रखना प्रैक्टिकल नहीं है."

उन्होंने कहा, "एयरफेयर रेगुलेशन में दो बातें साथ चलनी चाहिए. पहला यात्रियों की सुरक्षा हो और दूसरा मार्केट का ग्रोथ हो. 1994 में डिरेगुलेशन के बाद एयरलाइंस की संख्या बढ़ी और कॉम्पिटिशन आया, जिसका सीधा फायदा यात्रियों को मिला. अभी भी सरकार के पास स्पेशल कंडिशन में किराया कैप करने की पावर है, लेकिन यह समाधान नहीं है."

'कैपेसिटी बढ़ाने पर मिलेगा समाधान'

एविएशन मिनिस्टर ने कहा, "असली समाधान तब मिलेगा जब डिमांड बढ़ने पर कैपेसिटी बढ़ाई जाए. कुंभ मेले में जब बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज जाना चाहते थे तो सरकार ने यहां फ्लाइट्स बढ़ाईं. उनके अनुसार यह अप्रोच यात्रियों को राहत देती है और मार्केट को भी संतुलित रखती है." सिविल एविएशन मंत्री राम मोहन नायडू का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में इंडिगो के कई विमानों के रद्द होने की वजह से हवाई किराया काफी बढ़ गया था. सरकार ने इसमें हस्तक्षेप किया और एयरलाइनों को अधिक किराया वसूलने से रोकने के लिए एक किराया सीमा लागू की.

ये भी पढ़ें : बांग्लादेश निर्वासित की गई महिला को इंडियन क्यों बताया जा रहा? न्यूज आर्टिकल्स पर SC में भड़के SG मेहता