संसद के शीतकालीन सत्र के बीच राज्यसभा में शुक्रवार (12 दिसंबर 2025) की  सुबह अचानक ऐसी स्थिति बन गई कि सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए रोकनी पड़ी. यह विवाद तब शुरू हुआ जब 13 दिसंबर 2001 के संसद हमले में शहीद हुए सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन का कामकाज शुरू हुआ. जैसे ही प्रश्नकाल आगे बढ़ा, विपक्ष ने इस बात पर आपत्ति जताई कि सदन में एक भी कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं है.

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सदन में हंगामा तब शुरू हुआ जब विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सदन के सुचारू संचालन के लिए कम से कम एक कैबिनेट मंत्री की उपस्थिति अनिवार्य है. सभापति सीपी राधाकृष्णन ने भी इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को सरकार के समक्ष उठाएंगे. उन्होंने एक जूनियर मंत्री को तुरंत किसी कैबिनेट मंत्री को बुलाने के लिए कहा और बोले, 'मैं प्रक्रिया समझता हूं, यहां एक कैबिनेट मंत्री होना ही चाहिए.' हालांकि, विपक्ष इससे मानने को तैयार नहीं हुआ. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'यह सदन का अपमान है. बिना कैबिनेट मंत्री के कार्यवाही नहीं चल सकती.' लगभग 5 मिनट तक इंतजार के बाद सभापति ने बाध्य होकर सदन को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

रिजिजू का स्पष्टीकरण सदन के दोबारा शुरू होने पर संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने बताया कि पूर्व लोकसभा स्पीकर और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल के निधन पर लोकसभा में श्रद्धांजलि दी जा रही थी और इसी कारण कई कैबिनेट मंत्री वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा, 'सदन में कोई कैबिनेट मंत्री न होना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए मुझे खेद है.' रिजिजू ने यह भी बताया कि नेता सदन जेपी नड्डा के नाम प्रश्न लगे थे, जिसके कारण वे भी लोकसभा में थे.

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कांग्रेस ने राज्यसभा में भी श्रद्धांजलि की मांग कीकांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि शिवराज पाटिल राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं, इसलिए यहां भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए. इस पर रिजिजू ने जवाब दिया कि औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जा रही है और राज्यसभा में भी निर्धारित तरीके से श्रद्धांजलि दी जाएगी. कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा सहित कई मंत्री सदन में मौजूद थे, जिसके बाद कामकाज सामान्य रूप से आगे बढ़ा.

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