जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने बीएसपी के छह विधायकों के कांग्रेस के साथ हुए विलय को रद्द करने का अनुरोध किया था.


मदन दिलावर द्वारा दायर इस याचिका में विधानसभा अध्यक्ष की “निष्क्रियता” को भी चुनौती दी थी, जिन्होंने बहुजन समाज पार्टी के विधायकों को विधानसभा से अयोग्य ठहराने के उनके अनुरोध पर कोई निर्णय नहीं लिया है.


बीएसपी की टिकट पर संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लखन मीणा, जोगेंद्र अवाना और राजेंद्र गुधा ने 2018 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. उन्होंने पिछले साल 16 सितंबर को कांग्रेस में एक समूह के तौर पर विलय के लिए अनुरोध किया था. विधानसभा अध्यक्ष ने दो दिन बाद एक आदेश पारित कर घोषणा की थी कि इन छह विधायकों को कांग्रेस का अभिन्न अंग माना जाएगा.


यह विलय अशोक गहलोत नीत सरकार को बढ़ावा देने वाला था क्योंकि 200 सदस्यीय सदन में कांग्रेस का संख्याबल बढ़कर 107 हो गया था. बीजेपी विधायक ने इस विलय को दल-बदल नहीं माने जाने के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के समक्ष याचिका दी थी जिससे इन छह विधायकों को विधानसभा से अयोग्य करार दिया जा सकता था.


बता दें कि रविवार को बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने अपने छह विधायकों से सदन की किसी भी कार्यवाही में गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करने के लिए कहा था.