अयोध्या में 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन कार्यक्रम होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें शामिल होंगे. इस ऐतिहासिक अवसर का देश और दुनिया में मौजूद करोड़ों राम भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. भगवान राम के कई भक्त इसमें शामिल होना चाहते हैं और इनमें से एक हैं छत्तीसगढ़ के फैज खान, जो श्री राम के ननिहाल की मिट्टी लेकर अयोध्या में इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उनके इस प्रयास पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आपत्ति जताई है.


भगवान राम के मुस्मिल भक्त फैज खान छत्तीसगढ़ के रायपुर से 800 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय कर अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन का हिस्सा बनने के लिए निकले हुए हैं. इस दौरान रास्ते में उन्होंने भगवान राम के ननिहाल चंद्रखुरी गांव से प्रसिद्ध माता कौशल्या मंदिर की मिट्टी भी अपने साथ रखी हुई है.


'पूजा में किसी पराए को स्वीकार नहीं कर सकते'


भूमि पूजन के लिए देश के कई हिस्सों की पवित्र मिट्टी को लाया जा रहा है और फैज खान इस मिट्टी को भी वहां सौंपना चाहते हैं, लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने कहा कि इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी.


अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “मुसलमान दूर रहें मंदिर से. हमारी सद्भावना है और हम मुसमलमान के द्वेषी नहीं हैं. हमारा नारा है कि रोटी में, बेटी में और पूजा में हम किसी हालत में अपने को स्वीकार करेंगे, पराए को स्वीकार नहीं करेंगे.”


'टांग तोड़ने' की धमकी के बाद भी फैज का मनोबल नहीं कम


इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई आगे आया, तो अच्छा परिणाम नहीं होगा. उन्होंने कहा, “हम तुमसे द्वेष-घृणा नहीं करते हैं, लेकिन हमारी पूजा-पाठ में, हमारे मंदिर के निर्माण में खबरदार जो आगे कदम बढ़ाया, हम टांग तोड़ देंगे.”


हालांकि, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की इस धमकी का भी फैज खान पर असर नहीं है. ABP न्यूज से बात करते हुए फैज ने कहा, “मैं जगद्गुरू के आदेश के अनुसार काम कर रहे हैं और उनका मनोबल हमेशा बढ़ाते रहते हैं.”


अविमुक्तेश्वरानंद ने साथ ही कहा है कि अगर फैज खान सच्चे राम भक्त हैं और भूमि पूजन में उनकी श्रद्धा है, तो उन्हें पहले हिंदू धर्म स्वीकार करना चाहिए और पश्चाताप करना चाहिए, उसके बाद ही उनकी मांग पर विचार किया जा सकता है.


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