जयपुर: राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'बिंदुओं' के साथ सरकार को वापस भेजा है और कहा है कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है.


इसके साथ ही राजभवन ने स्पष्ट किया है कि राजभवन की विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई मंशा नहीं है. राजभवन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, राज्यपाल मिश्र ने कहा है कि विधानसभा सत्र संवैधानिक प्रावधानों के अनुकूल आहूत होना आवश्यक है.


राज्यपाल ने राज्य सरकार को संविधान के अनुच्छेद 174 के अंतर्गत तीन परामर्श देते हुए विधानसभा का सत्र आहूत किए जाने हेतु कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया, ‘‘राजभवन की विधानसभा सत्र न बुलाने की कोई भी मंशा नहीं है.’’


इसमें कहा गया है, ‘‘प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में राज्य सरकार के बयान से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाना चाहती है, परंतु सत्र बुलाने के प्रस्ताव में इसका उल्लेख नहीं है. यदि राज्य सरकार विश्वास मत हासिल करना चाहती है तो यह अल्पावधि में सत्र बुलाए जाने का युक्तिसंगत आधार बन सकता है.’’






राजस्थान में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से आहूत करने के लिये राज्यपाल को शनिवार देर रात एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था.


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