Rajasthan Assembly Election 2023: वैसे तो अगले महीने राजस्थान के साथ चार और राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सबसे ज्यादा सियासी पारा यहीं गर्म है. एक तरफ बीजेपी की अंदरूनी कलह है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस में गहलोत और सचिन पायलट का खेमा है. इन सबके बीच दोनों ही दल एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं और अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.


पर इन सब टकराहट के बीच यहां के सियासी मैदान में इमोशनल ड्रामा भी चल रहा है. हम बात कर रहे हैं गुड़ामालानी विधानसभा सीट की. यहां से मौजूदा विधायक हेमाराम चौधरी ने इस बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. पर उनके समर्थक उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाने में जी-जान से जुटे हैं. हेमाराम गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं.


इन्हें मनाने के लिए इनके समर्थकों ने पिछले दिनों एक बैठक बुलाई थी. इसमें हजारों समर्थक जुटे थे, सबने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की. कुछ समर्थक तो रो-रोकर उन्हें मनाने लगे. कुछ समर्थक पैरों में गिरकर रोते हुए उनसे चुनाव लड़ने की विनती करते रहे. एक ने तो अपनी पगड़ी उतारकर उनके पैरों में रख दी, लेकिन हेमाराम नहीं माने.


चुनाव न लड़ने की बताई ये वजह


हेमाराम ने अपने समर्थकों को बताया कि वह इस बार चुनाव इसलिए नहीं लड़ रहे क्योंकि जो वादे उन्होंने 2018 चुनावों में जनता से किए थे उन्हें पूरा नहीं कर पाए हैं. मैंने अपने क्षेत्र के लोगों से कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने का वादा किया था, लेकिन वो नहीं हो सके. जिस लोगों ने मुझे यहां तक पहुंचाया था, उनके लिए मैं कुछ नहीं कर पाया. अब फिर उनके पास जाना सही नहीं है.


कौन हैं हेमाराम चौधरी?


हेमाराम चौधरी कांग्रेस की तरफ से गुड़ामालानी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. अब तक वह 8 बार चुनावी मैदान में कूद चुके हैं. इसमें से 6 बार उन्हें जीत मिली है. खास बात ये है कि इन्हें हमेशा बड़े अंतर से ही जीत मिली है. अशोक गहलोत की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर हैं. इससे पहले राज्यमंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं. राजस्थान में जब बीजेपी की सरकार थी, तब यह नेता विपक्ष के रोल में थे. इन्हें सचिन पायलट गुट का नेता माना जाता है. सचिन पायलट ने जब अपने समर्थक विधायकों के साथ बगावत की थी, तब ये भी उनके साथ थे.


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