RBI Fines ICICI Bank & Kotak Mahindra Bank: बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने निजी क्षेत्र की दो बैंकों आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक पर पेनल्टी ठोंका है. आरबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये और कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. 


आरबीआई ने पेनल्टी लगाये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि इन दोनों बैंक पर रेग्यूलेटरी नियमों का अनुपालन नहीं करने के चलते ये जुर्माना लगाया गया है.  आरबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक पर 12.19 करोड़ रुपये का पेनल्टी लगाया है. ये पेनल्टी लोन और एडवांस से जुड़े अंकुशों और धोखाधड़ी वर्गीकरण एवं बैंकों की तरफ से जानकारी देने से संबंधित मानकों में उल्लंघन का आरोप पाये जाने के बाद लगाया गया है. साथ ही आरबीआई ने फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करने में कमर्शियल बैंक और चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन की ओर से फ्रॉड क्लासिफिकेशन और रिपोर्टिंग में आरबीआई के निर्देशों और उसका अनुपालन नहीं करने के चलते आईसीआईसीआई बैंक पर जुर्माना लगाया है. 


आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक पर भी 3.95 करोड़ रुपये पेनल्टी लगाने का ऐलान किया है. आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया कि कोटक महिंद्रा बैंक पर जुर्माना वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन एवं आचार संहिता से संबंधित निर्देशों का पालन नहीं करने के चलते लगाया गया है. यह कार्रवाई बैंक की तरफ से नामित वसूली एजेंट, ग्राहक सेवा और कर्ज एवं अग्रिम प्रावधानों में खामी से भी संबंधित है. 31 मार्च 2022 के बैंक के फाइनेंशियल पोजीशन के रेफरेंस के आधार पर बैंक की वैधानिक जांच की गई थी. 


आरबीआई ने पाया कि सर्विस प्रोवाइडर की वार्षिक समीक्षा करने में बैंक असफल रहा. साथ ही ये यह सुनिश्चित करने में विफल रहा कि शाम 7 बजे के बाद और सुबह 7 बजे से पहले ग्राहकों से संपर्क नहीं किया जाए. शर्तों के विपरीत लोन डिस्बर्समेंट की वास्तविक तिथि के बजाय डिस्बर्समेंट की देय तिथि से ब्याज लगाया गया है. साथ ही लोन एग्रीमेंट में फोरक्लोजर चार्जेज का प्रावधान नहीं होने के बावजूद फोरक्लोजर चार्जेज लगाया गया है.


आरबीआई के मुताबिक, दोनों ही मामलों में जुर्माना लगाने का कदम बैंकों की तरफ से नियामकीय प्रावधानों के अनुपालन में खामियों पर उठाया गया है और इसके पीछे किसी भी लेनदेन या ग्राहकों के साथ बैंक के समझौते की वैधता पर कोई निर्णय सुनाने का मकसद नहीं है.


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