Railway Concession To Senior Citizens: रेलवे की स्थायी समिति ने थर्ड एसी (3AC) और स्लीपर (Sleeper) में सीनियर सिटीजन को छूट देने पर विचार करने की सलाह दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार (3 जनवरी) को राज्यसभा (Rajya Sabha) में लिखित जवाब में कहा कि रेलवे की स्थायी समिति ने स्लीपर और 3एसी में वरिष्ठ नागरिकों (Senior Citizen) को रियायत की समीक्षा करने और उस पर विचार करने की सलाह दी है.


रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी. जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए लगभग 53 प्रतिशत की औसत रियायत है. मंत्री ने कहा कि इस सब्सिडी के ऊपर अभी भी कई श्रेणियों जैसे दिव्यांगजनों, छात्रों और रोगियों को रियायतें दी जा रही हैं, लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को पहले दी गई छूट को बहाल करने की योजना बना रही है. 


कोविड के बाद छूट देना बंद किया


एक संसदीय पैनल की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे टिकट पर छूट बहाल किए जाने की सिफारिश के बाद सरकार की स्थिति जानने को लेकर मंत्री से सवाल पूछा गया था. सीनियर सिटीजन को दी जा रही इस छूट को COVID-19 महामारी के बाद निलंबित कर दिया गया था. 


रेल मंत्री ने दिया ये जवाब


रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेनों में रियायतें बहाल करने की संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश पर संज्ञान लिया है या नहीं, इस सवाल पर भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम के लिखित जवाब में मंत्री ने कहा कि रेलवे की स्थायी समिति ने वरिष्ठ नागरिकों को कम से कम स्लीपर और 3 एसी में रियायत देने की समीक्षा और विचार करने की सलाह दी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में दिव्यांगजन की चार श्रेणियों, रोगियों की 11 श्रेणियों और छात्रों को यात्री किराए में रियायत दी जाती है.


बीजेपी सांसद सुशील मोदी (Sushil Modi) के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने बताया कि 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को यात्री किराए में रियायत के कारण राजस्व का नुकसान लगभग 1,491 करोड़ रुपये, 1,636 करोड़ रुपये और 1,667 करोड़ रुपये था. 


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