Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी सरनेम वाले मानहानि मामले में राहुल गांधी को निचली अदालत से दोषी ठहराए जाने के फैसले को गुजरात हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है और कांग्रेस नेता को कोई राहत नहीं दी है. राहुल को लेकर शुक्रवार (7 जुलाई) को आए गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. 


अभिषेक मनु सिंघवी राहुल गांधी के वकील भी हैं. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी के इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जाएगा. उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को निराशाजनक करार दिया है, साथ ही कहा है कि यह अप्रत्याशित फैसला नहीं है.


क्या कुछ कहा अभिषेक मनु सिंघवी ने?


कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा, ''आज एक निर्णय आया है. मैं समझता हूं कि निराशाजनक जरूर है लेकिन अप्रत्याशित नहीं है. हम इस निर्णय का इंतजार 66 दिन से कर रहे हैं. 66 दिन बाद आज जब साढ़े दस बजे निर्णय आने की सूचना आई, उसके बाद भी निर्णय नहीं आया और कहा गया कि ढाई बजे के बाद आएगा. ढाई बजे के बाद ये अभी इस कमरे में आने से दस मिनट पहले मिला है. हम भी आपकी तरह इंतजार कर रहे थे.''


उन्होंने कहा, ''ये अपील 25 अप्रैल को हाई कोर्ट में फाइल की थी. 29 अप्रैल को और 2 मई को सुनवाई हुई. उसके बाद आरक्षित हुआ और आरक्षित होने बाद 2 मई से आज 7 जुलाई को 66 दिन बाद निर्णय आया है.'' 


'शिकायतकर्ता खुद कैसे मानहानि के शिकार हुए?'


सिंघवी ने कहा, ''जो ये याचक हैं, शिकायतकर्ता हैं, वो खुद कैसे मानहानि के शिकार हुए, ये कृपया बताया जाए. आज तक आज वाले निर्णय को मिलाकर इस प्रश्न का उत्तर नहीं आया है कि इन व्यक्तियों की मानहानि कैसे हुई? इस कार्रवाई का एक अभिन्न अंग है- द्वेष. न इस निर्णय ने, न पहले के निर्णय ने किसी रूप से आपको बताया कि कैसे और कहां से द्वेष आता है इसमें. जो पूरी स्पीच माननीय राहुल गांधी जी की है, उसमें देख लिया जाए, दो वाक्य हैं, उसमें कहा से द्वेष आता है, उसका उत्तर भी नहीं दिया गया निर्णय में.'' 


कांग्रेस नेता ने कहा, ''इससे याचिकाकर्ताओं या शिकायतकर्ताओं को किस प्रकार से नुकसान हुआ है. तीन प्रश्न बिना जवाब के, आज मैं समझता हूं कि एक भी मिसाल नहीं है किसी कोर्ट-कचहरी की, जहां पर इस प्रकार का एक जनरल वाक्य पूरे समुदाय के हर अंग को, हर व्यक्ति विशेष को लागू किया गया है. किसी भी केस में ऐसा कन्विक्शन नहीं हुआ है. 


उन्होंने कहा, ''राहुल गांधी जो अन्य केस जो मानहानि या और किसी के हैं, किसी में भी दोषी नहीं ठहराए गए हैं. वो अभियुक्त हैं कुछ और केस में, एक अभियुक्त की हैसियत से उनके ऊपर ये टिप्पणी करना बिल्कुल गलत होगा. बार-बार इस निर्यण में भी इसका जिक्र होता है कि अमुक केस में उनके विरुद्ध कुछ ऐसी चीज है लेकिन वो किसी में भी दोषी नहीं ठहराए गए हैं.''


सिंघवी बोले- सभी मामलों में शिकायतकर्ता बीजेपी के नेता हैं या...


सिंघवी ने कहा, '' जितने और केस की बात होती है, सबका स्रोत एक ही है, उन सबके स्रोत, याचिकाकर्ता, शिकायतकर्ता या तो बीजेपी के कर्ताधर्ता हैं, वरिष्ठ नेता हैं, पदाधिकारी हैं और बड़ा स्पष्ट है कि ये करवाया गया है... तो जब सब जगह ऐसे केस हैं तो द्वेष का सवाल कहा से आता है. द्वेष तो उल्टा याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता से निकलता है. न कि अभियुक्त से.''


उन्होंने कहा, ''एक ज्यादा विशाल षड्यंत्र है, जिसका उद्देश्य है कि स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वाक्य और बाचतीत पर रोकथाम हो, उसका गला घोंटा जाए और इस प्रकार की स्वतंत्र सोच कोई एमपी हो या एमपी न हो, वो न कर पाए.'' उन्होंने कहा, ''मानहानि के कानून को पूरी तरह से दुरुपयोग किया गया है उस उद्देश्य को हासिल करने के लिए.''  



वो बीजेपी का झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे- सिंघवी


सिंघवी ने कहा, ''...मैं नहीं समझता कि राहुल गांधी इस प्रकार की चीजों से किसी रूप से कभी भी, उनका ट्रैक रिकॉर्ड दिखाता है, कभी डरे हैं. वो एक सत्य की राह के निडर यात्री हैं. वो बीजेपी का झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे. बार-बार करेंगे. मैं समझता हूं कि सरकार का झूठ का जो पर्दाफाश किया जाता है, उससे ये सरकार बौखलाई रहती है, घबराहट में रहती है...'' 


उन्होंने कहा, ''हमें विश्वास है अंत में कि न्यायपालिका सत्य का ही साथ देगी. अहंकारी सत्ता को अंत में एक कड़ा जवाब मिलेगा हमारे अंतिम निर्णय से जिसकी तरफ हम अग्रसर होंगे अब उच्चतम न्यायालय में.'' इसी के साथ कांग्रेस नेता सिंघवी ने सवाल उठाया, ''राहुल गांधी ने पीएम (नरेंद्र मोदी) की निंदा की और राजनीतिक वजहों से की, यह राहुल गांधी का हक है लेकिन क्या इस मामले में पीएम याचिकाकर्ता हैं?''


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