CJI DY Chandrachud: सीजेआई धनंजय वाई चंद्रचूड़ के सामने एक मामले की सुनवाई के दौरान अजीब हालात बन गए. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के रोकने के बावजूद एक वकील लगातार दलीलें देता रहा, जिस पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने वकील की दलीलों से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है.


सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बिगड़ैल हाथी 'अरीकोम्बन' की भलाई के मांग की थी. गौरतलब है कि अरीकोम्बन हाथी को जंगल किनारे बसी मानव बस्तियों के लिए खतरा मानते हुए केरल के जंगल में स्थानांतरित कर दिया गया था.


मैंने दुआ की थी केस आप सुनें, जीत गया आधा केस- याचिकाकर्ता
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच के सामने एक याचिकाकर्ता ने दलील रखते हुए कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि इस केस पर आप सुनवाई करेंगे... मैंने बहुत दुआ की थी कि केस पर सीजेआई सुनवाई करें. हालांकि, याचिकाकर्ता की इस दलील पर सीजेआई ने नाराजगी जताई.


सीजेआई ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये मामला जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के सामने लिस्टेड है. इस पर हम सुनवाई नहीं कर सकते. इस पर 19 या 20 जुलाई को सुनवाई होगी. इसके बावजूद याचिकाकर्ता दलीलें पेश करता रहा. याचिकाकर्ता की ओर तर्क देते हुए कहा गया कि आपने केस सुन लिया... मैंने आधा केस जीत लिया. इस पर सीजेआई ने उन्हें कहा कि अदालत के सज्जनतापूर्ण व्यवहार को गलत न समझें.


सीजेआई ने क्या कहा?
लाइव लॉ के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से कहा कि मैं किसी को भी अपनी अदालत मको मजाक में लेने की इजाजत नहीं दूंगा. सज्जनतापूर्ण व्यवहार को गलत न समझें, इसमें कठोर आंतरिक स्थिति हो सकती है. आपको अदालत में दिए गए बयानों के तरीके के बारे में बहुत सावधान रहना होगा. मत सोचो कि आप इससे बच जाएंगे.


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