नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. एक तस्वीर में राहुल गांधी जिस महिला के साथ दिख रहे हैं, दावा किया जा रहा है कि वही महिला प्रियंका गांधी के साथ भी दिखाई दी थी. इन तस्वीरों को जोड़कर मेजर सुरेंद्र पुनिया ने ट्विटर पर लिखा, "देश कैसे भरोसा करे गांधी परिवार पर? या तो बजट कम था या वक्त. जो कि ड्रामे के लिए ये लोग कलाकार भी नहीं बदल पाए."


दावा किया जा रहा है कि जिन मजदूरों की राहुल गांधी ने घर पहुंचने में मदद की वो सब ड्रामे का हिस्सा थे. सबूत के तौर पर उस तस्वीर को पेश किया जा रहा है, जो अलग-अलग मौकों पर भाई बहन दोनों के साथ दिखाई दे रही है.


https://twitter.com/MajorPoonia/status/1266992215940726784

क्या है दावे की सच्चाई?
राहुल गांधी की मजदूरों से मुलाकात को लेकर किए दावे की पड़ताल में दिखाया था कि वो महिला रामसखी है जो झांसी में रहती है. झांसी तक पहुंचाने में राहुल गांधी ने उसकी मदद की थी. लेकिन क्या रामसखी प्रियंका के साथ भी कभी मौजूद थी. इसका सच जानने के लिए हम सीधे झांसी में रामसखी से मिलने पहुंचे. तहकीकात में पता चला कि रामसखी रानीपुर के कस्बा में रहती हैं और उनका कांग्रेस से कोई कनेक्शन नहीं है. रामसखी ने हमें बताया कि वो कभी भी प्रियंका से नहीं मिली हैं


रामसखी ने कहा, 'हमारी राहुल गांधी से रास्ते में मुलाकात हुई है. हम लोगों को रास्ते में वह अचानक मिले. हमारी प्रियंका से मुलाकात नहीं हुई है. प्रियंका के साथ वायरल फोटो हमारी नहीं है. कभी नहीं मिले प्रियंका से. हमारी मुलाकात नहीं हुई. हम जानते नहीं हैं कौन हैं.'


अब तस्वीरों वाली महिला का चेहरा रामसखी से मिला लीजिए. राहुल गांधी के साथ जो दिख रही हैं वो रामसखी हैं. लेकिन प्रियंका के साथ मौजूद जिस महिला को रामसखी बताकर पेश किया जा रहा है वो कोई और हैं.


ABP न्यूज की पड़ताल में कहानी की मुख्य किरदार रामसखी के मुताबिक वो प्रियंका से कभी नहीं मिली. इसलिए हमारी पड़ताल में एक ही महिला के राहुल और फिर प्रियंका गांधी के साथ दिखने का दावा झूठा साबित हुआ है.


इंटरनेट पर फैल रहे हर दावे और अफवाह का सच जानने के लिए सोमवार से शुक्रवार एबीपी न्यूज़ पर 8.30 बजे 'सच्चाई का सेंसेक्स जरुर देखें.



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