Maharashtra News: आज 'भीमा कोरेगांव लड़ाई' की 205वीं वर्षगांठ है. एक जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी और माराठा पेशवा गुट के बीच जंग लड़ी गई थी. हर वर्ष लड़ाई की वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पुणे के कोरेगांव भीमा में लोगों की भीड़ जय स्तभ पर इकट्ठा होती है.


बता दें कि 1 जनवरी 2018 को भीमा कोरेगांव लड़ाई की वर्षगांठ के मौके पर समारोह के दौरान हिंसा भड़क गई थी. कुछ लोगों ने गांव की ओर जा रही कारों पर पथराव कर दिया था. हिंसा में एक शख्स की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग घायल हो गए थे. मामले में पुलिस ने 162 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. तब जंग के 200 साल पूरे हुए थे. हिंसा भड़काने का आरोप दलित नेताओं की ओर से एक हिंदूवादी कार्यकर्ता मिलिंद एकबोटे और संभाजी भिडे पर लगाया गया था.


आरोपी कवि पी वरवर राव को रखा गया था नजरबंद 


2018 के हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 अगस्त 2022 को सुनवाई की थी. कोर्ट ने हिंसा के आरोपी कवि पी वरवर राव को उनकी स्वास्थ्य स्थिति और वृद्धावस्था को देखते हुए एक महीने के लिए घर में नजरबंद रखने का आदेश दिया था. 17 नवंबर 2022 को वकील ने कोर्ट को बताया कि आदेश का राज्य के आधिकारियों की ओर से पालन नहीं किया जा रहा है.


राव को 28 अगस्त 2018 को हैदराबाद में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और पुणे पुलिस ने उन्हें कोरेगांव हिंसा का आरोपी मानते हुए उन पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया था. इस मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा पर भी मुकदमा दर्ज किया गया था. वहीं, बॉम्बे हाई कोर्ट ने आनंद तेलतुंबडे को भीमा कोरोगांव मामले में 1 लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी थी.


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