Presidential Election 2022: नेशनल कॉफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में विचार के लिए अपना नाम ‘सम्मानपूर्वक वापस’ लेने की घोषणा की है. उन्होंने शनिवार यानी 18 जून को विपक्ष को झटका देते हुए ऐलान किया कि मैं राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए संभावित संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले रहा हूं.


उन्होंने आगे कहा, 'मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) फिलहाल एक नाजुक दौर से गुजर रहा है और ऐसे समय में यहां की जनता की मदद करने के लिए मेरा यहां होना सबसे जरूरी है. दरअसल राष्ट्रपति चुनाव के 2022 (Presidential Election 2022) को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम (West Bengal Chief Minister) ममता बनर्जी (Mamta Benarjee) ने 15 जून को एक बैठक रखी थी. इस दौरान  ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) के नाम का भी प्रस्ताव रखा था. 


 






बैठक में पहुंचे थे 17 दलों के नेता


इस बैठक में कांग्रेस समेत 17 दलों के नेता पहुंचे. बैठक में ममता बनर्जी के अलावा शरद पवार, प्रफुल्ल पटेल, प्रियंका चतुर्वेदी, दीपांकर भट्टाचार्य, मनोज झा, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, रणदीप सुरजेवाला, अखिलेश यादव, खड़गे, जयराम रमेश, आरएलडी से जयंत चौधरी, डीएमके से टीआर बालू आदि मौजूद रहे.


इस बैठक में कई प्रमुख दल शामिल नहीं हुए. टीआरएस, आम आदमी पार्टी, बसपा और वाईएसआर कांग्रेस से कोई नहीं आया. इसके अलावा नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल, वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी, शिरोमणि अकाली दल, और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम भी बैठक से दूर रही. 


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