नई दिल्ली: मशहूर शायर मुनव्वर राना एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. इस बार उन्होंने किसान आंदोलन पर एक शेर लिखा है, जिस पर विवाद हो गया है. अपने शेर में मुनव्वर राना ने संसद को गिरा कर खेत बनाने की बात कही है, सेठों के गोदामों को जला देने की बात कही है. मुनव्वर राना के शेर पर बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा है कि ऐसे लोगों का विरोध कानून से नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी से है. हालांकि विवाद के बाद मुनव्वर राना ने अपना शेर डिलीट कर दिया.


मुनव्वर राना ने क्या लिखा था?


अपने ट्विटर अकाउंट पर मुनव्वर राना ने लिखा था, "इस मुल्क के कुछ लोगों को रोटी तो मिलेगी, संसद को गिरा कर वहां कुछ खेत बना दो...अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुक़द्दर, सेठों के बनाये हुए गोदाम जला दो...मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ, मुझे या ज़िंदा जला दो."


मुझे अपनी बात कहने का पूरा हक- मुनव्वर राना


अपने इस ट्वीट पर मुनव्वर राना ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि एक देश में दो संसद की जरूरत नहीं होती है. जब एक नई संसद बन रही है तो पुरानी संसद की कोई जरूरत भी नहीं रह जाएगी. ऐसे में इसे किसी दूसरे काम में लिया जा सकता है. उन्होंने कहा, "मुझे अपनी बात कहने का पूरा हक है. किसान अपना फैसला खुद करें, सरकार नहीं." एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान ही उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि ट्वीट को डिलीट कर दिया है.


ट्वीट डिलीट करने पर क्या बोले मुनव्वर राना?


ट्वीट डिलीट क्यों किया, इसके जवाब में मुनव्वर राना ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "इतनी गालियां खाने के लिए भी हम तैयार नहीं थे. क्योंकि अब हमारा मुकाबला अगर ट्रंप से किया जाए, जिस तरह से ट्रंप के साथ हुआ...ट्रंप ने जो किया वो हम कर रहे हैं तब इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है. ट्रंप जैसे जाहिल से हमारा मुकाबला किया जाए...हमने 24 किताबें लिखी हैं...ट्रंप ने सिर्फ नोट छापे हैं. एक मुनव्वर राना का मुकाबला ट्रंप जैसे नॉनसेंस से कभी नहीं हो सकता है."


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