नई दिल्ली: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को किसानों के रोष का सामना करना पड़ा. करनाल के कैमला गांव में रविवार को सीएम खट्टर की 'किसान महापंचायत' रैली होनी थी. लेकिन किसानों के भारी विरोध के बाद ये दौरा रद्द करना पड़ा. इस घटना के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. उन्होंने आज की घटना के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चरूनी को जिम्मेदार बताया.


मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "अगर मुझे इसके लिए किसी को जिम्मेदार ठहराना है, तो गुरनाम सिंह चरूनी (भारतीय किसान यूनियन प्रमुख) का एक वीडियो परसों से घूम रहा है जिसमें उन्होंने लोगों को भड़काने की कोशिश की थी."


प्रेस कॉन्फ्रेंस के इस दौरान उन्होंने विपक्ष खासकर कांग्रेस को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि वो जो संदेश देना चाहते थे, आज की घटना ने उससे बड़ा संदेश लोगों के बीच दिया है. इन लोगों ने किसानों को बदनाम किया क्योंकि एक किसान के पास ऐसा स्वभाव नहीं है. एक किसान कम शिक्षित हो सकता है लेकिन वह समझदार होता है. वे एक्सपोज हो रहे हैं. मुझे लगता है कि इन आंदोलन के पीछे कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों की प्रमुख भूमिका है.


इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमारे राष्ट्र में एक मजबूत लोकतंत्र है जहां सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है. हमने इन कथित किसानों और नेताओं के बयानों को कभी नहीं रोका. उनका आंदोलन चल रहा है. कोरोना के बावजूद, हमने उनके लिए व्यवस्था की."


मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, "जो कोई भी बोलना चाहता है, उसमें बाधा डालना सही नहीं है. मुझे नहीं लगता कि लोग डॉ बीआर अंबेडकर द्वारा दिए गए प्रावधानों के उल्लंघन को बर्दाश्त करेंगे. कांग्रेस ने 1975 में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास किया था. उस समय लोगों ने उनके घृणित कार्य की पहचान की और उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया."


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