नई दिल्ली: अगर आप निजी या कमर्शियल वाहन का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके काम की है. वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी को लेकर सरकार ने अहम समिट का आयोजन किया है जिसे पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. समिट का एजेंडा वाहन स्क्रेपिंग का मुद्दा होगा, जिसके बुनियादी ढाचे को स्थापित कर निवेशकों को आमंत्रित करने की कोशिश होगी ताकि प्रदूषण और लोगों पर बोझ भी कम हो.


सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय और गुजरात सरकार द्वारा किया जा रहा है. इसमें निवेशक, उद्योग विशेषज्ञ, केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालय शामिल होंगे. सरकार संसद में स्क्रैप पॉलिसी की घोषणा पहले ही कर चुकी है और मौजूदा समिट उस दिशा में पहला कदम माना जा रहा है.


क्या है स्क्रैप पॉलिसी? 
15 और 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी कबाड़ कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी के लिए 15 और निजी गाड़ी के लिए 20 साल का समय थय किया गया है. तय समय बाद वाहनों को ऑटोमेटेड़ फिटनेस सेंटर ले जाना होगा. ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी और इन्हीं निवेशकों को लुभाना इस समिट का एक बड़ा एजेंडा भी है. इस स्क्रैप पॉलिसी से क्या फायदा होगा वो भी जान लीजिए.


स्क्रैप पॉलिसी से क्या फायदा?
वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान कम होगा, इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाएं कम होगी और जीवन सुरक्षित होगा. नए वाहनों में ज्यादा सुरक्षा मानकों का पालन होगा. पुराने वाहनों के स्क्रैप से प्रदूषण कम होगा. बजट में भी वित्त मंत्री नई स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर चुकी हैं, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने अगले 5 सालों में 2 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है.


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