नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को पहला स्वदेशी टैंक, 'अर्जुन' सौंपा. चेन्नई में हुए इस कार्यक्रम में पीएम ने सेना को ये टैंक सौंपा, जो थलसेना का मैन बैटल टैंक (एमबीटी) बनने जा रहा है. डीआरडीओ की चेन्नई स्थित लैंब ने ही 'अर्जुन एमबीटी' को तैयार किया है ऑल चेन्नई के करीब अवाडी प्लांट में इनका प्रोडेक्शन किया जाएगा. पहली खेप में भारतीय सेना को 118 अर्जुन एमबीटी-मार्क1ए मिलने जा रहे हैं. लंबे इंतजार के बाद थलसेना को अपना पहला स्वदेशी टैंक, अर्जुन एमबीटी-मार्क 1ए (एल्फा) मिल गया है.


थलसेना ने अर्जुन एमबीटी का अपने जंगी बेड़े में शामिल होने का स्वागत किया है. दरअसल, पिछले 15 साल से डीआरडीओ इस टैंक पर काम कर रहा था. डीआरडीओ की चेन्नई स्थित, कॉम्बेट व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट (एवीआरडीई) लैब ने अर्जुन को तैयार किया है. अब ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड यानि ओएफबी की चेन्नई‌ के करीब अवाडी स्थीत हैवी व्हीकल्स फैक्ट्री इनका बल्क-प्रोडेक्शन यानी निर्माण करेगी. 118 टैंकों का कुल सौदा करीब साढ़े आठ हजार (8500) करोड़ में किया गया है.


हालांकि, कुछ साल पहले डीआरडीओ ने अर्जुन टैंक को बनाकर तैयार कर लिया था. लेकिन सेना ने इस टैंक में कुछ अतिरिक्त स्पेसिफिकेशन की मांग की थी. इनमें एटीजीएम मिसाइल यानि एंटी-टैंक गाईडेड मिसाइल यानि शामिल थी. डीआरडीओ के मुताबिक, मार्क-1ए में करीब 70 नए स्पेसिफिकेशन हैं. इसके अलावा 120 एमएम का गोला दागने में भी अर्जुन टैंक सक्षम है. टैंक में मशीनगन लगी है और इसके बॉडी खास 'कंचन आर्मर' से बनी है, जिसके चलते कोई बम या बारूद का इसपर कोई खास‌ असर नहीं होता है.


डीआरडीओ के मुताबिक, महाभारत के परम-यौद्धा, अर्जुन की तरह ही 'अर्जुन एमबीटी' पहली वार में ही सटीक निशाना लगाने में सक्षम है, जो दुनियाभर के कम ही टैंकों में देखने को मिलती है. खास बात ये है कि, थलसेना ने अर्जुन टैंक को हर मौसम और जलवायु में परखा है, और दिन-रात दोनों में ऑपरेशन्स कर सकता है.


भारतीय सेना को ये टैंक ऐसे समय में मिल रहे हैं जब भारत का चीन के साथ टकराव खत्म हो रहा है. पिछले नौ महीने से भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी चीन के खिलाफ टैंक तैनात कर रखे हैं. अभी तक भारतीय सेना के पास टी-90 (भीष्म) और टी-72 टैंक (अजेय) हैं, जो रूस की मदद से भारत ने बनाए हैं. पहली बार भारत ने खुद का स्वदेशी टैंक तैयार किया है. डीआरडीओ के मुताबिक, मार्क-1ए के बाद मार्क-2 पर भी काम चल रहा है, जो और अधिक एडवांस है.


अर्जुन मार्क-1ए का भारतीय सेना में शामिल होने का रास्ता तभी साफ हो गया था जब पिछले साल दीवाली के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जैसलमेर में अर्जुन टैंक पर राइड की थी.


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