देशभर में आज पुलवामा हमले में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है. 14 फरवरी 2014 को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद भारत ने भी पीओके में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. 14 फरवरी 2019 को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था. जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने इस घटना को अंजाम दिया था. आतंकवादियों ने विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी, जिसके बाद 40 जवान शहीद हो गए और कई गंभीर रूप से घायल हुए.


जवानों के शहीद होने के बाद पूरे देश में शोक की लहर फैल गई. जिसके बाद भारत ने भी बदला लेने की ठानी. भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट जैश कैंप पर सिर्फ 12 दिनों के अंदर ही हमला कर दिया.


पाकिस्तान पर हुई जवाबी कार्रवाई


26 फरवरी की देर रात और 27 फरवरी की सुबह करीब 3 बजे भारतीय विमान पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में जैश के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कई बम दागे. पाकिस्तान ने मौके की गंभीरता को देखते हुए अपने एफ-16 विमान एक्टिव किए लेकिन तब तक भारतीय वायु सेना अपना काम कर चुकी थी. भारत की ओर से इस हमले में सैकड़ों की संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया. वहीं, देश के लोगों ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को सराहनीय कदम बताया था.


सीआरपीएफ के जवानों को दी गई श्रद्धांजलि


पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर जम्मू में सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन ने इन शहीदों को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. इस हमले में सीआरपीएफ के 76वें बटालियन के 5 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. जम्मू में सीआरपीएफ के 76वें बटालियन के मुख्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में अधिकारियों और जवानों ने पुलवामा हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस बटालियन के सेकंड इन कमांड अधिकारी कमल सिसोदिया ने बताया कि हमारे बटालियन के पांच जवानों ने शहादत दी थी.


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