Pegasus Issue: मॉनसून सत्र के दौरान संसद में पेगासस जासूसी कांड, तीन नए विवादास्पद कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों को लेकर बने गतिरोध के बीच विपक्षी दलों ने बुधवार को केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और उसे 'अड़ियल और अभिमानी' करार दिया. कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने एक बार फिर सरकार से आग्रह किया कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराए.


एक संयुक्त बयान में विपक्षी दलों ने पेगासस के मुद्दे पर चर्चा करने की अपनी मांग के अपने रूख पर अड़ते हुए कहा कि इसका जवाब केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि पेगासस जासूसी कांड के बाद नए कृषि कानूनों के ऊपर भी चर्चा होनी चाहिए.


पार्टियों ने मोदी सरकार पर संसद की कार्यवाही को बाधित करने के लिए विपक्ष की छवि को खराब करने के लिए भ्रामक अभियान चलाने का आरोप लगाया. संयुक्त बयान में यह कहा गया कि- विपक्षी पार्टियां पेगासस के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा कराने की अपनी मांग पर एकजुट है और इसका जवाब गृह मंत्री की तरफ से दिया जाना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.






राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, माकपा के ई. करीम, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, भाकपा के विनय विश्वम, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और लोकतांत्रिक जनता दल के एमवी श्रेयांश कुमार की ओर से यह बयान जारी किया गया है.


संयुक्त बयान में कहा गया- “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने एकजुट विपक्ष को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार अभियान चलाया है और संसद में व्यवधान के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है. इस गतिरोध की जिम्मेदारी सरकार पर है जो अहंकार में है और दोनों सदनों में चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को मानने से इनकार कर रही है."


गौरतलब है कि पेगासस और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पिछले कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. 19 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू हुआ था. लेकिन, अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है. विपक्षी दलों का कहना है कि पेगासस जासूसी मुद्दे पर पहले चर्चा कराने के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद में गतिरोध खत्म होगा. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए शुक्रवार को लोकसभा में कहा था कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है.


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