नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दिल्ली वालों का ही इलाज होगा. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली की अरविंद केजरीवाल ने रविवार को ये अहम फैसला लिया है. काफी दिनों से इस बात को लेकर चर्चा हो रही थी कि क्या स्थानीय अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज होगा या बाहरी लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी.


डॉ. महेश वर्मा कमेटी ने दिल्ली में चिकित्सा व्यवस्था को लेकर शनिवार को दिल्ली सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली का हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर केवल दिल्ली के लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अगर बाहर वालों का भी इलाज होगा तो तीन दिन के अंदर सारे बेड भर जाएंगे.


दिल्ली सरकार ने अस्पतालों को दिया ये निर्देश
दिल्ली सरकार ने शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के मद्देनजर अस्पतालों को निर्देश दिया है कि वे कम से कम तीन महीने के लिए पर्याप्त संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण किट और ऑक्सीजन मास्क जैसे चिकित्सकीय उपकरण खरीदकर रखें.


दिल्ली स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने शुक्रवार को जारी एक आदेश में कहा कि दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेजी आई है. जिसके कारण अस्पतालों में बिस्तरों, सर्जिकल उपकरणों और बुनियादी ढांचे से जुड़ी वस्तुओं की मांग बढ़ गई है.


आदेश में कहा गया है 'दिल्ली सरकार के तहत आने वाले सभी कोविड-19 और गैर-कोविड 19 अस्पतालों के एमएस/एमडी/ निदेशक को सर्जिकल वस्तुओं, ऑक्सीजन मास्क एवं ऑक्सीजन उपचार पद्धति के लिए आवश्यक वस्तुओं, पीपीई किट, दस्ताने, मास्क आदि खरीदकर कम से कम तीन महीने के लिए उनका पर्याप्त भंडार रखने का निर्देश दिया जाता है.'


कोरोना के हल्के और बिना लक्षण वाले मरीजों को 24 घंटे में डिस्चार्ज करने के आदेश


दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि अस्पतालों में कोरोना के हल्के और बिना लक्षण वाले जो मरीज एडमिट हैं उनको 24 घंटे में डिस्चार्ज किया जाए. दिल्ली के अस्पतालों से लगातार कोरोना मरीजों की तरफ से शिकायतें आ रही हैं कि उनको बेड नहीं दिए जा रहे हैं जिसके बाद दिल्ली सरकार ने आदेश जारी किया है.


इसमें कहा गया है कि किसी कोरोना हॉस्पिटल में अगर कोई कोरोना संदिग्ध एडमिट है तो उसको अलग वार्ड में रखा जाए और कोरोना मरीजों लिए जो आइसोलेशन बेड्स निर्धारित हैं उनको कोरोना संदिग्धों को ना दिया जाए. आदेश में लिखा है कि ये संज्ञान में आया है कि बहुत से बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मामले भी अस्पताल में एडमिट किए गए गए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक यह साफ है कि बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं है. उनको होम आइसोलेशन में रखने की सलाह दी गई है.


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