नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कड़े एहतियाती उपायों के बीच संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)- मेन परीक्षा में तीसरे दिन बृहस्पतिवार को 82 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी बैठे.केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में बृहस्पतिवार को उपस्थिति प्रतिशत 82.14 था जबकि बुधवार को यह 81.08 फीसदी था.


पहले दिन यानी मंगलवार को वास्तुकला एवं योजना में स्नातक पाठ्यक्रम के लिए परीक्षा में 54.67 फीसदी छात्र बैठे थे. आंकड़ों के मुताबिक, तीन दिन परीक्षा में 3.43 लाख अभ्यार्थी बैठे.


जेईई-मेन्स परीक्षा ऐसा पहला इम्तिहान है जिसे महामारी के बीच देश में बड़े पैमाने पर लिया जा रहा है. आईआईटी, एनआईटी और केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई) में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा के लिए नौ लाख से ज्यादा अभ्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है.


NEET-JEE परीक्षा के मसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला लेगा


NEET-JEE परीक्षा के मसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिका की सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला लेगा. निर्धारित प्रक्रिया के मुताबिक जज बंद चैंबर में याचिका देख तय करेंगे कि इसे खुली अदालत में लगाना है या नहीं. 17 अगस्त को SC ने परीक्षा रोकने से मना किया था. गैर बीजेपी शासित 6 राज्यों के मंत्री ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.


याचिका दाखिल करने वाले मंत्री हैं- प.बंगाल के मोलॉय घटक, झारखंड के रामेश्वर उरांव, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बलबीर सिद्धू, महाराष्ट्र के उदय सामंत और राजस्थान के रघु शर्मा हैं.


इससे पहले सायंतन बिस्वास समेत 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 1 से 6 सितंबर के बीच JEE (मेन) और 13 सितंबर को NEET की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है.


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