Corbevax Booster Dose: एनटीएजीआई (NTAGI) ने ने कोविशील्ड या कोवैक्सीन की दोनों खुराक लगवा चुके लोगों को एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज या तीसरी खुराक) के तौर पर बायोलॉजिकल ई द्वारा विकसित कॉर्बेवैक्स (Corbevax) टीका देने की सिफारिश की है. कॉर्बेवैक्स कोविड-19 के लिए भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन (Vaccine) है. सूत्रों के मुताबिक टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के कोविड-19 वर्किंग ग्रुप ने ये सिफारिश की है.
एनटीएजीआई के अनुसार जिन वयस्कों ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड या भारत बायोटेक बायोटेक के कोवैक्सीन का टीका लगवाया है उन्हें कॉर्बेवैक्स बूस्टर दिया जा सकता है. मौजूदा समय में पहली और दूसरी खुराक के तौर पर जिस कोविड-19 टीके को लिया गया था, उसी टीके की तीसरी खुराक दी जा रही है. यदि सरकार द्वारा इसे स्वीकृत किया जाता है, तो ये पहली बार होगा जब देश में पहले टीकाकरण के लिए उपयोग किए जाने वाले कोविड वैक्सीन की जगह दूसरी बूस्टर खुराक की अनुमति दी जाएगी.
क्या कहा गया सिफारिश में?
कोविड-19 कार्य समूह ने 20 जुलाई की बैठक में तीसरे चरण के आंकडों की समीक्षा की. इसमें 18 से 80 साल उम्र के कोविड-19 निगेटिव ऐसे लोगों को जिन्होंने पहली दो खुराक कोविशील्ड या कोवैक्सीन की ली थी कॉर्बेवैक्स टीका तीसरी खुराक के तौर पर दिए जाने के बाद उनके प्रतिरोधक क्षमता पर होने वाले असर का आंकलन किया गया था. सूत्रों ने बताया कि आंकड़ों का परीक्षण करने के बाद सीडब्ल्यूजी ने पाया कि पहली और दूसरी खुराक के तौर पर कोवैक्सीन या कोविशील्ड लेने वालों को कॉर्बेवैक्स तीसरी खुराक के तौर पर दिया जा सकता है, जो उल्लेखनीय स्तर पर एंटीबॉडी (वायरस से लड़ने के लिए) पैदा करता है और तटस्थ आंकड़ों के मुताबिक संभवत: रक्षात्मक भी है.
अभी बच्चों को दी जा रही है कॉर्बेवैक्स
भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन कॉर्बेवैक्स का उपयोग वर्तमान में कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को टीका लगाने के लिए किया जा रहा है. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 4 जून को कॉर्बेवैक्स को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए एहतियाती खुराक के रूप में मंजूरी दी थी.
10 जनवरी से दी जा रही है बूस्टर डोज
वर्तमान में, कोविड-19 वैक्सीन जो पहली और दूसरी खुराक के लिए इस्तेमाल की गई है वही 18 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों को एहतियात के तौर पर दी जा रही है. 18-59 आयु वर्ग में 4.13 करोड़ से अधिक एहतियात की खुराक दी गई है, जबकि 5.11 करोड़ से अधिक एहतियाती खुराक 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों, स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी गई है. भारत ने 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष व उससे अधिक आयु के लोगों को टीकों की एहतियाती खुराक (Booster Dose) देना शुरू किया था.
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