JDU-BJP Alliance: साल 2024 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2024) के पहले फिर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का कुनबा और बढ़ा है. रविवार (28 जनवरी, 2024) को नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों से महागठबंधन तोड़कर एनडीए का दामन थाम लिया है. उनकी पार्टी जदयू के शामिल होने के बाद बिहार में जहां एनडीए मजबूत हुआ, वहीं चुनाव में अब बीजेपी और सहयोगी दलों के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद बढ़ गई है. बीजेपी के समर्थन से नीतीश कुमार ने 9वी बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है. आइए, जानते हैं कि नीतीश कुमार के आने से एनडीए कैसे मजबूत हुआ है?:


NDA में सियासी दलों की संख्या हुई 39 
बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में फिलहाल शामिल दलों की संख्या 38 है और जदयू के शामिल होने के बाद इसकी संख्या बढ़कर 39 हो गई है. बीजेपी और जदयू के अलावा जो दल एनडीए का हिस्सा हैं, वे हैं शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी (पारस), लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), अपना दल (सोनेलाल), एआईएडीएमके, एनपीपी, एनडीपीपी, एसकेएम, आईएमकेएमके, आजसू, एमएनएफ, एनपीएफ, आरपीआई, जेजेपी, आईपीएफटी (त्रिपुरा), बीपीपी, पीएमके, एमजीपी, एजीपी, निषाद पार्टी, यूपीपीएल, एआईआरएनसी, टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), शिरोमणि अकाली दल सयुंक्त, जनसेना, एनसीपी (अजित पवार), हम, रालोसपा, सुभासपा, बीडीजेएस (केरल), केरल कांग्रेस (थॉमस), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट, जनातिपथ्य राष्ट्रीय सभा, यूडीपी, एचएसडीपी, जन सुराज पार्टी (महाराष्ट्र) और प्रहार जनशक्ति पार्टी (महाराष्ट्र).


2019 में BJP ने JDU के साथ जीती थीं 39 सीटें


दिलचस्प बात ये है कि 2019 में जब जदयू ने एनडीए के साथ मिलकर लड़ा था तब दोनों दलों ने 39 सीटें जीती थीं. NDA ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी. तब इसमें बीजेपी, जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) शामिल थीं. अब नीतीश कुमार वापस एनडीए में आए हैं तो बीजेपी की बिहार में वही प्रदर्शन दोहराने की उम्‍मीद बढ़ गई है. खास बात ये है कि बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में 400 का आंकड़ा पार करने का लक्ष्य रखा है. बिहार में पिछला प्रदर्शन दोहराए बगैर यह लक्ष्‍य हासिल करना चुनौती है. इसमें नीतीश का साथ मददगार होगा. जदयू ने 2019 में 16 लोकसभा सीटें जीती थीं. इस बार नीतीश के पक्ष में जाति सर्वेक्षण और बीजेपी के पक्ष में भव्य राम मंदिर उद्घाटन के बाद की लहर, दोनों दलों के लिए फायदे का सौदा हो सकते हैं.


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