Patiala House Court Frames Charges Against Yasin Bhatkal: दिल्ली की पटियाला हाउस की एनआईए अदालत ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह- संस्थापक यासीन भटकल के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. ये आरोप यूएपीए के तहत भटकल समेत 11 आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्व छेड़ने के मकसद से आतंकी वारदातों की साजिश रचने और अंजाम देने की साजिश के खिलाफ के तहत तय किए गए हैं.


कोर्ट के पास हैं पर्याप्त सबूत


अदालत ने कहा कि यासीन भटकल व अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल जैसे पर्याप्त सुबूत हैं. इनकी जांच से साफ होता है कि भटकल न केवल आतंकी गतिविधियों की साजिश में शामिल था, बल्कि विस्फोटक, इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) को तैयार करने में उसकी बड़ी भूमिका थी.


कोर्ट ने अपने आदेश में नोट किया है कि सीईआरटी-इन (CERT-In) की रिपोर्ट के मुताबिक भटकल के पास से जो डिजिटल डिवाइस मिले हैं, उसमे जिहाद से जुड़ा लिटरेचर और इसके नाम पर गैर मुस्लिमों की हत्या को सही ठहराने वाले आर्टिकल मिले हैं. डिवाइस में तालिब और अलकायदा के वीडियो भी मिले हैं. इसमें हिंसक जिहाद को दर्शाया गया है.


सूरत में न्यूक्लियर बम की साजिश


कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी नोट किया है कि यासीन भटकल और साजिद के बीच की बातचीत (व्हाट्सएप चैट) से पता चलता है कि इंडियन मुजाहिदीन सूरत शहर में न्यूक्लियर बम प्लांट करने की योजना बना रहा था, लेकिन इस तरह की आतंकी वारदात को अंजाम देने से पहले इंडियन मुजाहिदीन उस जगह रह रहे मुस्लिम लोगों को बाहर निकालने की योजना भी बना रहे थे.


नेताओं को निशाना बनाना चाहते थे


यही नहीं, 1 जून 2013 की भटकल और साजिद की चैट से पता चलता है कि अपनी बातचीत में इन दोनों ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेता पर माओवादी हमले के बारे में चर्चा की थी. इनकी योजना आम जनता के बजाए नेताओं पर हमले की थी, ताकि सरकार को हिलाया जा सके. एनआईए ने साल 2012 में यासीन भटकल और इंडियन मुजाहिद्दीन के बाकी 10 सदस्यों के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था. 


पटियाला हाउस की एनआईए कोर्ट ने आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के यासीन भटकल पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप तय किए


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