Ramayana Express: हर साल चलने वाली रामायण एक्सप्रेस में इस बार कई नए फ़ीचर जोड़े गए हैं. इस बार रामायण एक्सप्रेस एक डीलक्स एसी ट्रेन होगी, जिसमें केटरिंग स्टाफ़ वेटर के लिए नया ड्रेस कोड भी शामिल किया गया है. इस बार वेटर  गेरूए (भगवा रंग) वस्त्र धारण करेंगे और माला पहने होंगे. ये पगड़ी भी पहनेंगे. पगड़ी भी गेरूए रंग की होगी. आईआरसीटीसी के अनुसार इस बार ऐसी पहली रामायण एक्सप्रेस ट्रायल के तौर पर 7 नवम्बर को चलाई गई है जो कि फ़ुल बुकिंग के साथ रवाना हुई है. इससे उत्साहित हो कर अब दूसरी रामायण एक्सप्रेस ट्रेन भी चलाई जाएगी. 


भद्राचलम को नए डेस्टिनेशन के रूप में जोड़ा गया


अगली रामायण एक्सप्रेस 12 दिसम्बर को दिल्ली के सफ़दरजंग स्टेशन से शुरू हो कर रामेश्वरम तक जाएगी. इस बार भद्राचलम को एक नए डेस्टिनेशन हाल्ट के रूप में जोड़ा गया है. तेलंगाना राज्य में स्थित भद्राचलम को दक्षिण का अयोध्या भी कहा जाता है. माना जाता है की भगवान राम यहां वनवास के दौरान ठहरे थे. सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर और आँजेनेय स्वामी मंदिर यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं.       


पहला हाल्ट अयोध्या में होगा 


इस ट्रेन का पहला हाल्ट अयोध्या में होगा, जहां तीर्थ यात्रियों को इस बार श्री राम जन्म भूमि और हनुमान मंदिर के अलावा नंदीग्राम स्थित भारत मंदिर के भी दर्शन कराए जाएंगे. 


सड़क मार्ग से होगी नेपाल यात्रा


अयोध्या के बाद ट्रेन बिहार के सीतामढ़ी में रुकेगी, जहां यात्री सीता जी के जन्म स्थल के दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद सड़क मार्ग से नेपाल स्थित राम जानकी मंदिर के दर्शन भी कराए जाएंगे. 


वाराणसी से फिर सड़क मार्ग से यात्रा 


इसके बाद ट्रेन वाराणसी जाएगी यहां से यात्रियों को सड़क मार्ग से वाराणसी, प्रयागराज, श्रिंगवेरपुरम और चित्रकूट के प्रमुख मंदिरों के दर्शन कराए जाएंगे.       


किष्किन्धा और हेरिटिज स्थलों के दर्शन 


ट्रेन का अगला हाल्ट नासिक होगा जहां त्रयम्बकेश्वर मंदिर और पंचवटी के दर्शन होंगे. अगला हाल्ट हम्पी में होगा जहां प्राचीन किष्किन्धा नगर था. यहां हनुमान जन्म स्थल व अन्य हेरिटेज स्थलों और मंदिरों के दर्शन होंगे.       


17 दिन में पूरी होगी ये राम यात्रा


अंतिम हाल्ट रामेश्वर का होगा. इसके बाद ट्रेन 17 दिन की यात्रा पूरी करते हुए दिल्ली वापस आ जाएगी. लौटते समय यात्रा के 16 वें दिन यात्री भद्राचलम में भी मंदिर दर्शन कर सकेंगे. ये यात्रा कुल 7500 किलोमीटर की होगी.