New Army Chief: जनरल एम एम नरवणे के रिटायर होते ही भारतीय सेना की कमान जनरल मनोज पांडे के हाथों में आ गई है. शनिवार को जनरल नरवणे ने खुद जनरल मनोज पांडे को 12 लाख सैनिकों वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी फौज की कमान सौंपी. जनरल मनोज पांडे हालांकि रविवार यानी 1 मई से पूरी सैन्य-परंपरा के तहत अपना पूरा चार्ज संभालेंगे. थलसेना के मुताबिक, रविवार को जनरल मनोज पांडे सबसे पहले नेशनल वॉर मेमोरियल यानी राष्ट्रीय समर स्मारक जाकर वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद साउथ ब्लॉक स्थित लॉन में उन्होनें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. इसके बाद वे मीडिया को संबोधित करेंगे.


सैपर जनरल मनोज पांडे के सेना प्रमुख बनने से इतिहास भी बन गया है. वे देश के पहले ऐसे सेनाध्यक्ष होंगे जो इंजीनियर्स कोर से ताल्लुक रखते हैं. अभी तक अमूमन इंफेंट्री, आर्टलरी (तोपखाना) और आर्मर्ड यानि टैंक रेजीमेंट के सैन्य-अफसर ही सेना प्रमुख के पद के लिए चुने जाते रहे थे. लेकिन पहली बार कॉम्बेट-सपोर्ट आर्म के मिलिट्री ऑफिसर को भारतीय सेना की कमान सौंपी गई है.


लद्दाख में संभाला था माउंटेन डिवीजन का कमान


6 मई 1962 को जन्मे, लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे दिसम्बर 1982 में भारतीय सेना में एक ऑफिसर के तौर पर कमीशन हुए थे. एनडीए यानी नेशनल डिफेंस एकेडमी से पास-आउट होने के बाद उन्होनें सेना की इंजीनियरिंग कोर की 'बॉम्बे-सैपर्स' ‌यूनिट ज्वाइन की थी. अपने 39 साल कै कैरियर में उन्होने पाकिस्तान से सटे थियेटर यानि सीमा पर स्ट्राइक कोर की इंजीनियरिंग-ब्रिगेड की कमान संभाली और एलओसी पर पूरी एक इंफेंट्री ब्रिगेड कमांड की थी. इसके बाद लद्दाख में उन्होनें माउंटेन डिवीजन की कमान संभाली और फिर उत्तर-पूर्व के एक राज्य में चीन से सटी एलएसी पर तैनात कोर की कमान संभाली.


सेना की एक पूरी कोर संभालने के बाद जनरल पांडे ने देश की पहली ट्राई-सर्विस (थलसेना, वायुसेना और नौसेना की एकीकृत) कमान यानि अंडमान निकोबार कमान के कमांडिंग इन चीफ के तौर पर अपना सेवाएं दीं. इसके बाद उन्हें कोलकता स्थित फोर्ट विलियम्स यानि पूर्वी कमान की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसी साल फरवरी के महीने में उन्हें साऊथ ब्लॉक स्थित सेना मुख्यालय में सह-सेना प्रमुख का पद सौंपा गया. उसी वक्त ये लगभग तय हो गया था कि अगले सेना प्रमुख जनरल पांडे ही होंगे.


भारत एलएसी पर शांति चाहता है


आपको बता दें कि पिछले साल यानि अक्टूबर 2020 में जनरल पांडे ने कहा था कि भारत एलएसी पर शांति चाहता है, लेकिन अगर चीन का आक्रमक रवैया रहा तो भारत भी 'एग्रेसिव-पोस्चर' अपना सकता है. ये ऐलान उन्होनें एबीपी न्यूज के सवाल के जवाब में दिया था जब वे पूर्वी कमान के कमांडर थे और अरुणाचल प्रदेश‌ में उनसे खास मुलाकात हुई थी.


एनडीए में सैन्य शिक्षा लेने के साथ साथ जनरल पांडे इंग्लैंड के स्टाफ कॉलेज, कैम्बर्ले और राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) से कई मिलिट्री कोर्स कर चुके हैं. वे पीवीएसएम, एवीएसएम और वीसीएम जैसे सेवा पदक भी पा चुके हैं. 


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