मुंबई: मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को अभी एक साल बाकी है लेकिन उससे पहले ही शिवसेना ने चुनावी बिगुल बजा दिया है. दो दशकों से बीएमसी पर राज करने वाली शिवसेना साल 2022 में एक बार फिर बीएमसी पर भगवा झंडा लहराना चाहती है जिसके लिए उसने तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है.


बीजेपी से अलग होने बाद शिवसेना हर हाल में पालिका चुनाव जीतना चाहती है. जिसके लिए शिवसेना ने मुंबई में चुनाव से पहले गुजराती कार्ड खेला है. मुंबई में गुजराती समाज का बड़ा वर्चस्व है और बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं. इसलिए उन्हें लुभाने के लिए शिवसेना 'मुंबई मा जलेबी ने फाफड़ा उद्धव ठाकरे आपडा' नारा बुलंद कर रही है.


गुजराती वोटर्स को लुभाने के लिए आज मुंबई के जोगेश्वरी स्थित हाल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें गुजराती समाज के 100 व्यापारी मौजूद थे. कार्यक्रम का आयोजन शिवसेना के संगठक हेमराज शाह द्वारा किया गया था.



कार्यक्रम में शिवसेना के कुछ कार्यकर्ता और नेता भी शामिल हुए. गुजरती वोटर्स को संबोधित करते हुए हेमराज ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. हेमराज ने 1993 में हुए दंगे पर बीजेपी को जमकर घेरा और कहा कि 1993 में जब दंगा हुआ था बालासाहब ठाकरे इस समाज और लोगों की मदद के लिए आगे आए थे. तब बीजेपी ने लोगों के लिए कुछ नहीं किया था. बीजेपी सालों के गुजराती वोटर्स का इस्तेमाल कर रही है. आज नोटबंदी और GST के चलते व्यापारी वर्ग पूरी तरह से बर्बाद हो गया है. आज सभी व्यापारियों की हालत ख़ास्त हो गई है. कारोबार चौपट हो गए हैं. जिसके चलते व्यापारियों में बीजेपी को लेकर खासी नाराज़गी है.


हेमराज का कहना है कि जिस तरह बीजेपी सालों से गुजराती वोटर्स को लुभाकर चुनाव जीतती रही है. इस बार महापालिका चुनाव में ऐसा नही होग. मुम्बई महापालिका में एक बार भी फिर भगवा झंडा लहराएगा. इस बार गुजराती वोटर्स का वोट शिवसेना को ही जाएगा. और राज्य में जलेबी- फाफड़ा और वडापाव का संबंध और मजबूत होगा.


आपको बता दे के एक साल में मुम्बई महानगर पालिका के चुनाव होने वाले है. ऐसे में गुजराती वर्ग मुम्बई का प्रमुख हिस्सा है. महापालिका के 227 सीटों में से 50 से 52 सीटों पर गुजराती वोटर्स का भारी दबदबा है. ऐसे में बीजेपी के वोटो पर सेंध लगाने जब शिवसेना महापालिका चुनाव के अपना पूरा दमखम लगा रही है.


मुंबई कांग्रेस में घमासान जारी, संजय निरुपम खेमे की गुटबाजी फिर आई सामने