Mumbai Cruise Drugs Case: क्रूज़ ड्रग्स मामले में महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक के आरोपों पर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने सफाई दी है. एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने आरोपों पर कहा है कि एजेंसी निष्पक्ष कार्रवाई करती है. हम बिना भेदभाव के काम करते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों स्वतंत्र गवाहों मनीष भानुशाली और किरन गोसावी को एनसीबी ऑपरेशन से पहले नहीं जानती थी.


डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि रेड वाले दिन 14 लोगों को एनसीबी के दफ्तर लाया गया था. नोटिस जारी किए गए थे और उनसे पूछताछ की गई. सबूतों के अभाव के चलते 6 लोगों को छोड़ दिया गया था और 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. एनसीबी अधिकारी ने कहा कि सभी आरोप निराधार, बेबुनियाद, दुर्भावनापूर्ण हैं.


उन्होंने कहा कि छोड़े गए सभी लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे. हमारे खिलाफ लगाए गए आरोप धारणाओं पर आधारित हैं. उन्होंने कहा कि जो भी लोग गिरफ्तार हुए हैं उनके साथ अच्छा बर्ताव हुआ है. ये बात उनके वकील ने कोर्ट में भी दर्ज कराई है. 


नवाब मलिक ने क्या आरोप लगाए ?


एनसीपी नेता नवाब मलिक ने एनसीबी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने रेड के दौरान 8 नहीं बल्कि कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया था, जबकि 3 लोगों को बाद में छोड़ दिया गया था, जिसमें बीजेपी नेता का एक रिश्तेदार भी था. नवाब मलिक ने कहा है, “NCP ने जिस दिन क्रूज पर छापेमारी की थी उस दिन एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े ने कहा था कि हमने 8 से 10 लोगों को हिरासत में लिया है. एक जवाबदेह अफसर इस तरह फेक स्टेटमेंट कैसे दे सकता है. हिरासत में लिए गए 8 या 10 नहीं बल्कि 11 थे.''


 



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