केरल के जनरल एजुकेशन मिनिस्टर वी शिवनकुट्टी ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए आसपास की स्वच्छता बनाए रखने और वैज्ञानिक रूप से कचरे के निपटान की आश्यकता की भावना पैदा करने के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में इससे संबंधित अध्ययन शामिल किया जाएगा. 


एल्धोस पी कुन्नपल्लिल द्वारा इस संबंध में उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और मलयालम पाठ्यपुस्तकों में इस विषय पर पहले से ही कई पाठ शामिल किए जा चुके हैं. शिवनकुट्टी ने कहा कि राज्य की नदियां किस प्रकार प्रदूषण का सामना कर रही हैं इसका एक अशं पांचवी कक्षा की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में शामिल किया गया है, जबकि छठी कक्षा की पाठ्यपुस्तक में अपशिष्ट निपटान के विषय के साथ वर्मी कम्पोस्ट, जैव खाद और बायोगैस संयंत्र को शामिल किया गया है. 


पर्यावरण संबंधित विषयों को किया गया है शामिल


शिवनकुट्टी ने बताया कि इसी प्रकार, आठवीं, नौवीं और दसवीं कक्षा की विभिन्न पाठ्यपुस्तकों में पर्यावरण प्रदूषण, सतत खेती, ग्लोबल वार्मिंग औ उन्हें कम करने के तरिके, सार्वजनिक स्वास्थ्य और सार्वजनिक स्थानों पर अपशिष्ट, प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता आदि पर भी चर्चा की गई है. फिर भी नई पाठ्यक्रम समिति की ओर से ऐसे और भी विषय शामिल किए जाएंगे.  


1 नवंबर से शुरू होगा मिड डे मील


शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने विधानसभा में बताया कि 1 नंबवर से स्कूल खुलने के बाद सरकारी और सहायता प्राप्त स्कुलों मं मध्याह्न भोजन का वितरण फिर से शुरू होगा. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार नहीं चाहती कि स्कूल फिर से खुलने के बाद विद्यार्थी भूखे रहें. सभी स्कूलों में मध्याह्न भोजन कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए बांटा जाएंगा. सभी स्कूल में साबुन और सैनिटाइजर उपलब्ध होगा. प्रतिदिन छात्रों के थर्मल स्कैनिंग होगी.  


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