Online Fraud: ऑनलाइन जालसाजों से जुड़े एक गैंग का एक नया घोटाला सामने आया है. जहां पर घोटालेबाज मुंबई पुलिस अधिकारियों की आईडी दिखाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. इस घोटाले के बारे में बातचीत तब शुरू हुई जब एक पत्रकार ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को चाचा बनाकर ठगों को मात दी.


दरअसल, इस घोटाले के बारे में लोगों के चेतावनी देते हुए 'एक्स' पर पत्रकार सौरव दास ने पोस्ट शेयर की है. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें सुबह पहली कॉल एक इंटरनेट वॉयस कॉल के जरिए आई, उन्होंने कहा कि यह भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से था. वो पूरी कॉल लगभग 1 घंटे तक चली और मुझे पूरा यकीन था कि यह सच थी. 






क्या है मामला?


सौरव दास ने कहा कि एआई ने मेरा नंबर 2 घंटे में ब्लॉक हो जाने की बात कही और अधिक जानकारी के लिए 9 दबाएं. इसके जरिए मैं उस पहले शख्स तक पहुंचा. जिसने खुद को टेलीकॉम डिवीजन से होने का दिखावा किया था. उन्होंने मुझे बताया कि बॉम्बे अंधेरी ईस्ट में किसी ने मेरे आधार के माध्यम से रजिस्टर एक नंबर के खिलाफ अवैध विज्ञापन और परेशान करने वाले टेक्स्ट के लिए शिकायत दर्ज कराई है.


एक्स यूजर सौरव के शेयर किए गए स्क्रीनशॉट के अनुसार, घोटालेबाजों ने उन्हें बताया कि मुंबई पुलिस ने ट्राई को नंबर ब्लॉक करने के लिए अनुरोध भेजा था, इसलिए उसे उनके आधार कार्ड से जुड़े सभी नंबरों को ब्लॉक करना होगा. उस ठग ने दास के साथ एफआईआर का ब्यौरा भी शेयर किया और कॉल को 'अंधेरी ईस्ट पुलिस स्टेशन' को 'फॉरवर्ड' कर दिया.


सौरव ने कहा, "मैं पुलिस से उन्हें एक लेटर भेजने के लिए कहूं कि मेरा मूल नंबर मेरा है और रुकावट से बचने के लिए मैं मामले से जुड़ा नहीं हूं. भारत में बहुत सारी पहचान की चोरी हो रही है. इसके बाद मैं दूसरे आदमी के पास कॉल के जरिए पहुंचा. जिसने मुझे बताया कि वह मुंबई पुलिस में एसआई है. उसने कुछ डिटेल ली और कहा कि मेरा बयान दर्ज करना होगा क्योंकि मैं अभी मुंबई में मौजूद नहीं हो सकता हूं. फिर मुझे एक तीसरे आदमी (+91 90324 07612) से वीडियो कॉल आया. वह पुलिस की वर्दी में था और अच्छी अंग्रेजी बोल रहा था."


प्रदीप सावंत के नाम की दिखाई फेक पुलिस ID


एक्स यूजर सौरव ने बताया कि उसकी पहचान प्रदीप सावंत के रूप में हुई. हालांकि, उस तस्वीर में महाराष्ट्र पुलिस का एक लोगो भी देखा गया. इस पर सौरभ को शक तब हुआ जब उस तीसरे 'पुलिस अधिकारी' की बातचीत मराठी में नहीं थी. उन्होंने कहा कि 'तीसरे पुलिस अधिकारी' ने ''अपने हेड कांस्टेबल को अंग्रेजी में बुलाया और 'मेरे मामले की जांच करने'' का आदेश दिया.


'65 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले' में है शामिल- ठग


दास ने कहा कि जब चौथे आदमी, 'हेड कांस्टेबल' ने उसका 'बयान' दर्ज किया और मेरा आधार नंबर मांगा, जो उसने गलत बताया. दास ने कहा कि मैं देखना चाहता था कि वे इसके साथ क्या करते हैं. वह आदमी वॉकी-टॉकी पर बात कर रहा था. आरोपी ठगों ने उससे कहा कि वो '65 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले' में शामिल है. बता दें कि, प्रदीप सावंत वर्तमान में मुंबई पुलिस में डीसीपी सुरक्षा शाखा के रूप में तैनात हैं.


पुरानी पीढ़ी के लोग ठगों का हो सकते हैं शिकार- सौरभ दास


इस पर जब आरोपी ठग ने दास से पूछा कि आप हमसे क्या छुपा रहे हैं. इस पर दास ने कहा कि अंडरवर्ड डॉन दाऊद मेरे चाचा है. उस पर आरोपी ने कहा कि कौन दाऊद?' उसे आश्चर्य हुआ.'दाऊद इब्राहिम. वह मेरे चाचा हैं' सौरभ ने कहा कि मुद्दा ये है कि घोटालेबाज अब अपनी रणनीति में बहुत शातिर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि मुझे  लगता कि वो हमारे माता-पिता के साथ इस तरह का फ्रॉड कर सकते हैं.


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