Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में पुल टूटने से लगभग 140 लोगों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट 14 नवंबर सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता ने पूरे देश में पुरानी इमारतों की का सुरक्षा आकलन किए जाने की मांग भी की है. वकील विशाल तिवारी की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग के गठन से घटना की सच्चाई सामने आ सकेगी. तिवारी ने चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित से मामला जल्द सुनने का अनुरोध किया. चीफ जस्टिस ने 14 नवंबर को मामला सुनवाई के लिए लगाने की बात कही.


इस याचिका में देश भर में धरोहर इमारतों का सुरक्षा आकलन करने की मांग की गई है. साथ ही, इमारतों की सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखने के लिए हर राज्य में विशेष विभाग बनाने की भी मांग की गई है. 


हादसे के वक्त पीएम मोदी गुजरात दौरे पर


जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात दौरे पर ही थे. उनके कई कार्यक्रम वहां पर रद्द भी कर दिए गए. इस हादसे के बाद एक समीक्षा बैठक भी की गई, जिसकी अध्यक्षता पीएम मोदी ने की. इसी बैठक में 2 नंवबर को राज्यव्यापी शोक घोषित करने का फैसला लिया गया. इस बात की जानकारी गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने दी. राज्य में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई आधिकारिक कार्यक्रम भी नहीं किया जाएगा.


हादसे के बाद प्रशासन हुआ अलर्ट


इस पुल का प्रबंधन करने वाले साबरमती रिवरफ्रंट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने एक बयान में कहा, पुल लगभग 12,000 व्यक्तियों के वजन को सहन करने में सक्षम है, लेकिन अहमदाबाद नगर निगम ने मोरबी पुल त्रासदी को देखते हुए अटल पुल पर विजटरों की संख्या को सीमित करने का निर्णय लिया है. बयान में कहा गया, एहतियात के तौर पर हमने अटल पुल पर आगंतुकों की संख्या को सीमित करने का फैसला किया है. अब, हर घंटे केवल 3,000 आगंतुकों को प्रवेश दिया जाएगा. प्रति घंटे 3,000 से अधिक व्यक्तियों को पुल पर खड़े होने की अनुमति नहीं दी जाएगी और बाकी को रिवरफ्रंट पर अपनी बारी का इंतजार करने को कहा जाएगा.


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