नई दिल्ली: पड़ोसी देश म्यांमार में हुए तख्तापलट के बाद करीब 300 शरणार्थी भारत पहुंचे हैं. खास बात ये है कि इन शरणार्थियों में 150 म्यांमार पुलिस के जवान है, जो मिलिट्री-जुंटा (शासन) का विरोध कर रहे हैं और नागरिकों के आंदोलन को समर्थन कर रहे हैं. इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने म्यांमार के विदेश मंत्री जिंग मर ऑन्ग से ऑनलाइन बातचीत की. माना जा रहा है कि उन्होंने म्यांमार से भारत आने वाले शरणार्थियों का मुद्दा उठाया है.


इससे पहले मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखकर म्यांमार के राजनीतिक शरणार्थियों को भारत में शरण देने का आग्रह किया था. मिजोरम के सीएम ने प्रधानमंत्री को चिठ्ठी में लिखा कि म्यांमार में हो रहे अत्याचारों से भारत मुंह नहीं फेर सकता है. सीएम ने कहा मिजोरम से सटे हुए म्यांमार के राज्यों में वही चिन समुदान के लोग हैं जो मिजोरम में हैं.


भारत और म्यांमार के बीच एफएमआर (फ्री मूवमेंट रेजीम) करार है. इसके तहत भारत और म्यांमार की सीमा पर रहने वाले लोग एक दूसरे के देश में 14 दिनों के लिए 8-8 किलोमीटर भीतर जा सकते हैं. हालांकि, पिछले साल कोविड के कारण बॉर्डर सील कर दिया गया था.


सीमा सील


वहीं म्यांमार में सेना के तख्तापलट के बाद मिजोरम सरकार ने शरणार्थियों के लिए बॉर्डर खोल दिया था लेकिन केंद्र सरकार के दखल के बाद मिजोरम सरकार ने अपना आदेश वापस ले लिया था. इसके बाद असम राईफल्स ने सीमा सील कर दी थी लेकिन तब तक 300 के करीब म्यांमार शरणार्थी मिजोरम में दाखिल हो चुके थे. वहीं अब फिर मिजोरम के सीएम ने चिठ्ठी लिखकर बॉर्डर खोलने के लिए कहा है.


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