पिछले साल जब कोरोना वायरस से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ था और लोग अपने घरों में छुप कर बैठे हुए थे, तब सिर्फ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता ही ऐसे थे जो अपनी ड्यूटी को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहे थे. इस लिए केंद्र सरकार ने फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की वीरता को देखते हुए उनके सम्मान में पुष्प वर्षा भी कराई थी, लेकिन अब एक फ्रंटलाइन कार्यकर्ता जो कि पेशे से एक नर्स है उसने अप्रैल 2020 में उसके साथ हुई प्रताड़ना की जानकारी पुलिस को दी है. नर्स ने बताया कि कैसे कोरोना वायरस का शिकार होने पर पति और ससुराल वालों ने महिला को घर से बाहर निकाल दिया और घर में आने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की जिसके बाद से अब तक नर्स अपने मायके में रह रही है.


क्या है पूरा मामला? :


अहमदाबाद के इसनपुर इलाके में रहने वाली 27 साल की नर्स ने खोखरा पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई है. नर्स ने बताया कि उसकी शादी फरवरी 2020 को खोखरा में रहने वाले एक शख्स से हुई थी. नर्स ने बताया कि वो मणिनगर के एलजी अस्पताल में नर्स की नौकरी करती है लेकिन उसका ये काम उसके ससुराल वालों को पसंद नहीं था इसलिए शादी के बाद से वो उसे प्रताड़ित किया करते थे. वहीं अप्रैल 2020 में जब नर्स को कोरोना वायरस हुआ तो पति समेत ससुराल के सभी सदस्यों ने उसे घर में नहीं आने दिया. इतना ही नहीं महिला से घर आने के बदले 10 लाख रुपये देने की मांग भी की और रुपये नहीं देने पर तलाक देने को कहा.


नर्स ने पति के खिलाफ शिकायत कराई दर्ज:


नर्स के परिवार के हस्तक्षेप करने पर भी जब मामला सुलझता नहीं दिखा तब महिला ने पुलिस को आपबीती सुनाई और पति समेत ससुराल के सदस्यों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है साथ ही ये भी बताया कि वो 6 महीने से अपने मायके में रह रही है और उसका पति उससे मिलने तक नहीं आया है.


इसे भी पढ़ेंः


महाराष्ट्र: परमबीर को लेकर शिवसेना का BJP पर निशाना, कहा- सब साजिश का हिस्सा, राज्यपाल भी कर रहे शरारत


Parambir Singh Letter Row: शरद पवार के सुझाव को रिबेरो ने किया खारिज, कहा- मेरी उम्र हो गई है मैं उपलब्ध नहीं हूं