DMO Give Reservation for Agniveers: अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर देशभर में हो रहे विरोध और उग्र-प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार (Central Government) ने अग्निवीरों के लिए अलग-अलग मंत्रालयों की नौकरी में आरक्षण (Reservation) देने का ऐलान किया है. रक्षा मंत्रालय की सिविल नौकरियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है तो इंडियन कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) और डिफेंस पीएसयू (Defence PSU) में भी उनके लिए 10-10 प्रतिशत कोटे की घोषणा की गई है. इसके अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबल और असम-राईफल्स में भी अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की गई है.


बिहार सहित कई राज्यों में हुए विरोध प्रदर्शन और आगजनी की घटना को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है. जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौर से लौटे रक्षा मंत्री ने शनिवार सुबह अपने आवास पर अग्निपथ योजना की समीक्षा के लिए एक अहम बैठक की. इस बैठक में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आप चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और सहसेना प्रमुख, लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू सहित डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स (डीएमए) के एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी शामिल हुए. थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे शनिवार को वायुसेना की पासिंग आउठ परेड (पीओपी) को रिव्यू करने के लिए हैदराबाद के करीब डूंडीगल गए हुए थे, इसलिए रक्षा मंत्री की बैठक में हिस्सा नहीं ले पाए.


पूर्व सैनिकों के कोटे से अलग होगा ये आरक्षण
करीब डेढ़ घंटे चली इस बैठक के बाद रक्षा मंत्रालय ने इस बात की घोषणा की कि रक्षा मंत्री के आदेश पर अब मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस (एमओडी यानि रक्षा मंत्रालय) की डिफेंस-सिविल नौकरियों में अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा रक्षा मंत्री के दफ्तर ने ये भी जानकारी दी कि इंडियन कोस्टगार्ड और रक्षा मंत्रालय के अधीन 16  डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट यानि पीएसयू में भी 10 प्रतिशत कोटा अग्निवीरों का होगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्निवीरों को दिया जाने वाला ये 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्व-सैनिकों को मिलने वाले कोटे से अलग होगा. अग्निवीरों के आरक्षण के लिए भर्ती के नियमों में भी बदलाव किए जाने के आदेश दे दिए गए हैं.


गृहमंत्रालय ने भी किया आरक्षण का ऐलान
आपको बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने इस साल के लिए अग्निवीरों के पदों के लिए होने वाली परीक्षा में भी दो साल की रियायत दी थी. हालांकि, अग्निवीर बनने की अधिकतम उम्र 21 साल है लेकिन क्योंकि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती रूकी हुई थी इसके चलते इस साल यानि 2022 में होने वाली भर्तियों में अधिकतम आयु 23 साल कर दी गई है. रक्षा मंत्रालय के अलावा गृह मंत्रालय ने भी अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबल और पैरा-मिलिट्री फोर्स, असम राईफल्स में भी 10-10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है. खुद इस बात का ऐलान गृह मंत्री अमित शाह ने किया. केंद्रीय पुलिसबल में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे सुरक्षाबल हैं. 


सीएपीएफ में भी 5 साल की रियायत मिलेगी
गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने इस बात की भी घोषणा की है कि पहली बार सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) में आवदेन के दौरान अग्निवीरों (Agniveers) को 5 साल उम्र की रियायत दी जाएगी. उसके बाद भी उन्हें तीन साल उम्र की छूट दी जाएगी. रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) और गृह मंत्रालय द्वारा की गई इन घोषणाओं को इसलिए किया गया है क्योंकि देश के युवा को सेना में अग्निवीर के तौर पर चार साल की सेवाएं देने के बाद अपने भविष्य की चिंता है. सेना (Army) और सरकार (Government) दोनों का मानना है कि सेना में चार साल तक अपनी सेवाएं देने के बाद अग्निवीरों में अनुशासन और समर्पण की भावना होगी जो केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और सिविल-नौकरियों में काफी मददगार होगी.


सरकार ने अग्निवीरों के लिए सईएपईएप, का मंत्रालय, कोस्टगार्ड, डिफेंस पीएससी और असम राइफल्स के अतिरिक्त और भी सेक्टर्स में तरजीह देने का ऐलान किया है. इनमें शामिल है:


1. नौसेना के अग्निवीरों को मर्चेंट नेवी में वरीयता देना. जहाजरानी मंत्रालय ने की घोषणा.


2. नेशनल ओपन लर्निंग स्कूल यानि एनआईओएस अग्निवीरों को 12वीं का सर्टिफिकेट देने में मदद करेगा.


3. इग्नो से कोर्स करने में मदद मिलेगी. 


4. स्किल इंडिया सर्टिफिकेट मिलेगा.


5. पब्लिक सेक्टर बैंक से ऋण मिलने में आसानी होगी.


6. कोरपोरेट सेक्टर ने अग्निवीरों को रिक्रूट करने की इच्छा जताई.


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