Agnipath Scheme Plan: सेना की भर्ती (Army Recruitment) के लिए जिस अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) पर देशभर में विरोध-प्रदर्शन (Protest) हो रहे हैं, दरअसल इसकी तैयारी करीब दो साल पहले हुई थी. रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स यानि डीएमए ने सरकार की इस महत्वकांक्षी अग्निवीर स्कीम की रुपरेखा तैयार की है. दरअसल, अग्निवीर योजना (Agniveer Scheme) की शुरूआत टूर ऑफ ड्यूटी यानि टीओडी प्लान (TOD Plan) से हुई थी. लेकिन ये टीओडी स्कीम पहले सेना में अफसर रैंक के लिए थी. इसको लेकर डीएमए ने काम करना शुरु करना शुरु भी कर दिया था.


इस प्लान को लेकर काम शुरू करते ही पूरी दुनिया को कोरोना महामारी ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था. इस दौरान जब सेना की भर्तियों पर रोक लग गई तब इस प्लान को सैनिकों के लिए भी करने की तैयारी शुरु कर दी गई. तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने ही सेना के अधिकारियों के लिए टीओडी स्कीम का प्लान तैयार किया था. इसके बाद करीब आधा-दर्जन देशों की सेनाओं में चल रहे सैनिकों के मॉडल को स्टडी किया गया. इसमें वे देश शामिल थे जहां कॉन्ट्रैक्ट पर सैनिकों की भर्ती की जाती है. साथ ही उन सेनाओं की भी स्टडी की गई जहां युवाओं के लिए अनिवार्य सेना की नौकरी है. 


जनरल अनिल पुरी ने तैयार किया खाका
आपको बता दें कि शुरुआत में सेना की तरफ से इस अग्निपथ मॉडल को लेकर खुद असमंजस की स्थिति थी लेकिन धीरे-धीरे कर इसको नए सैनिकों के लिए लुभावना बनाने की कोशिश की गई तब जाकर सेना ने इस मॉडल को अपनाने का फैसला लिया. सीडीएस जनरल बिपिन रावत की पिछले साल यानि दिसम्बर 2021 में हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद डीएमए विभाग का कार्यभार एडिशनल सेक्रेटरी, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी के कंधों पर था. उनके नेतृत्व में अग्निवीर योजना का खाका तैयार किया गया. 


पूरी तरह से गुप्त था 'अग्निवीर योजना' का प्लान
अग्निवीर योजना को पूरी तरह से गुप्त रखा गया था. लेकिन पिछले महीने यानि मई में इस योजना के बारे में मीडिया में खबरें आनी शुरु हो गईं. पहले इस योजना का ऐलान 8 जून को होना था. लेकिन उस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम की आधिकारिक यात्रा पर थे इसलिए कैबिनेट कमेटी ने इस प्रोपजल को एक हफ्ते के लिए टाल दिया. इसके बाद 14 जून को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी यानि सीसीएस ने अग्निवीर योजना को हरी झंडी दे दी. 


देश की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए लाया गया प्लान
दीगर है कि 14 जून यानि मंगलवार को जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में सेना के तीनों प्रमुखों ने अग्निपथ योजना लागू करने का ऐलान किया था उस वक्त मंच पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी भी मौजूद थे और उन्होनें ही अग्निपथ स्कीम पर एक पावर-पाइंट प्रेजेंटेशन भी मीडिया के सामने पेश किया था. उन्होनें इस दौरान मीडिया को बताया भी था कि किस तरह अग्निवीर मॉडल को तैयार किया गया है. उन्होनें बताया कि अग्निपथ योजना में चार साल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी और उन्हें 'अग्निवीर' नाम दिया जाएगा. यह योजना देश की सुरक्षा को मजबूत करने एवं युवाओं को मिलिट्री सर्विस का अवसर देने के लिए लाई गई है.


लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अपने प्रेजेंटेशन में बताया कि अग्निवीरों के लिए सरकार ने क्या-क्या प्लान दिए हैं इन प्वाइंट्स में देखें अग्निवीर स्कीम का पूरा प्लान.



  1. अग्निपथ रिक्रूटमेंट योजना में सेना में भर्ती मात्र चार साल के लिए होगी. इन चार साल के दौरान उन्हें अग्निवीर के नाम से जाना जाएगा.

  2. चार साल बाद सैनिकों की सेवाओं की समीक्षा की जाएगी. समीक्षा के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों की सेवाएं आगे बढ़ाए जाएंगी. बाकी 75 प्रतिशत को रिटायर कर दिया जाएगा.

  3. चार साल की नौकरी में छह महीने की ट्रेनिंग भी शामिल होगी.

  4. साढें 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र वाले अग्निवीर के लिए योग्य होंगे (हालांकि अब इस साल अधिकतम आयु 23 साल कर दी गई है). 

  5. सर्विसेज यानि सेना के तीन अंग अपनी जरुरतों के हिसाब से महिलाओं को भी अग्निवीर बनने का मौका देंगे.

  6. अग्निवीरों को 4.76 लाख का सालाना सैलेरी पैकेज मिलेगा यानि हर महीने करीब 30 हजार. चौथे वर्ष तक ये पैकेज 6.92 लाख हो जाएगा. इसके अलावा सियाचिन जैसे इलाकों के लिए रिस्क एंड हार्डशिप एलाउंस भी मिलेगा.

  7. रिटायरमेंट के बाद पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि एक मुश्त राशि दी जाएगी. इस राशि को सेवा निधि पैकेज नाम दिया गया है. इसके तहत रिटायरमेंट के बाद 11.7 लाख की राशि मिलेगी. ये सेवा निधि पैकेज अग्निवीर की सैलरी का 30 प्रतिशत और इतना ही सरकार का योगदान के साथ मिलकर बनाया गया है. ये सेवा निधि पैकेज पूरी तरह से आयकर मुक्त होगी.

  8. सेवा के दौरान अगर कोई अग्निवीर वीरगति को प्राप्त हो जाता है तो उसके परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि मिलेगी. साथ ही अग्निवीर की बची हुई सेवा की सैलरी भी परिवार को मिलेगी.

  9. अगर कोई अग्निवीर सेवा के दौरान अपंग हो जाता है तो उसे 44 लाख की राशि दी जाएगी और बाकी बची सेवा की सैलरी भी मिलेगी.



फिलहाल, अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) जवानों (Jawans) के स्तर के लिए ही है. लेकिन माना जा रहा है कि इसे टूर ऑफ ड्यूटी (TOD) के नाम से अफसरों (Officers) के लिए भी लाया जा सकता है. हालांकि, टीओडी प्लान (TOD Plan) को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.


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