CBI Inquiry: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. इस एनजीओ पर विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन का आरोप लगा है. इस बात की जानकारी अधिकारियों ने सोमवार (20 मार्च) को दी है.


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अमन बिरादरी के खिलाफ विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम के अलग-अलग प्रावधानों के उल्लंघन के लिए सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. हर्ष मंदर पिछली यूपीए सरकार के दौरान सोनिया गांधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे. उन्होंने अमन बिरादरी की स्थापना एक धर्मनिरपेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और मानवीय दुनिया के लिए एक जन अभियान के तौर पर की थी.


अमन बिरादरी को नहीं मिला था एफसीआरए क्लियरेंस


विदेशी फंडिंग लेने वाले सभी एनजीओ को अनिवार्य रूप से एफसीआरए के तहत गृह मंत्रालय के साथ पंजीकरण कराना होता है. वहीं, समाजसेवी हर्ष मंदर के एनजीओ अमन बिरादरी को एफसीआरए का क्लियरेंस नहीं था. फिर भी इस एनजीओ ने फंड लिया. अब एफसीआरए क्लियरेंस के बिना ही विदेशों से आए फंड की जांच सीबीआई करेगी. 


अमन बिरादरी एनजीओ के बारे में


अमन बिरादरी की वेबसाइट के मुताबिक, ये एक धर्मनिर्पेक्ष, शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण, और मानवीय दुनिया के लिए लोगों का अभियान है. इसके उद्देश्य गांव और जिला स्तर की संस्थाओं के निर्माण के माध्यम से अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच सहिष्णुता, बंधुत्व, सम्मान और शांति के आपसी बंधन को मजबूत करना है. इसके लिए विभिन्न पृष्ठभूमि जाति और भाषा समूह और पंथ को मानने वाले लोगों में से मुख्य रूप से युवाओं और महिलाओं को एकजुट करना है.


कौन हैं हर्ष मंदर?


हर्ष मंदर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में भी शामिल रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने हाल ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा लिया था. साल 2002 में गुजरात दंगों के बाद उन्होंने आईएएस पद छोड़ दिया था. इसके बाद वो दिव्यांग व्यक्तियों की गरिमा, भोजन का अधिकार, आदिवासी और दलित महिलाओं की सुरक्षा और लिंचिंग के पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे मुद्दों की लड़ाई को अपना मिशन बनाने वाले मंदर ने एनजीओ बनाने का फैसला किया था.


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