Himanta Biswa Sarma Meets Manipur CM: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार (10 जून) को मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) से मुलाकात की. इस बैठक के बाद सरमा ने कहा कि वह राज्य की मौजूदा स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को अवगत कराएंगे. मणिपुर (Manipur) की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सरमा सुबह गुवाहाटी से रवाना हुए थे.
मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के एक महीने बाद भी छिटपुट हिंसा जारी है. असम के सीएम ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री (बीरेन सिंह), उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों, हमारी पार्टी के नेताओं और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. हमारे लिए मणिपुर में शांति और स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण है. मुझे जो भी पता चला है, मैं आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत कराऊंगा.
असम के सीएम ने क्या कहा?
अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए 29 मई से एक जून तक मणिपुर का दौरा किया था. बैठक में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने कहा कि हमने हिंसा से संबंधित मुद्दों का जिक्र किया. हिमंत बिस्वा सरमा ने हमें आश्वासन दिया कि वह मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे. पहचान जाहिर नहीं करने का अनुरोध करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि सरमा ने कहा कि बीजेपी की मणिपुर इकाई को ये बताने में संकोच नहीं करना चाहिए कि क्या जरूरत है और वह सुनिश्चित करेंगे कि उन जरूरतों को पूरा किया जाए.
बातचीत के लिए समिति का गठन किया
इस बैठक में नागरिक संगठन कोकोमी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे. कोकोमी के मीडिया कोऑर्डिनेटर खुरैजाम अथौबा ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने हिंसा में मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त किया और कहा कि शांति बहाल करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, वह करेंगे. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति प्रक्रिया को सुगम बनाने और परस्पर विरोधी पक्षों के बीच बातचीत शुरू करने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में मणिपुर में एक समिति का गठन किया है.
तीन मई को शुरू हुई थी हिंसा
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं. जनजातीय नगा और कुकी राज्य की जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पर्वतीय जिलों में निवास करते हैं.
(Input- PTI)
ये भी पढ़ें-