Maharashtra News: महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के आदिवासी इलाक़े शेंद्रीपाड़ा (chhendipada) में ‘तास’ नदी को पार करने के लिए बना लोहे का पुल (Iron Bridge) पहली ही बारिश में बह गया. महज़ 6 महीने पहले ही यह लोहे का पुल बनवाया गया था, जो बाढ़ (Flood)के पानी में बह गया है. इसका हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है. यहां की महिलाओं को एक बार फिर लकड़ी का सहारा लेकर तास नदी में बहते तेज पानी के ऊपर से रास्ता पार करना पड़ रहा है.


लोगों की परेशानी देख बनवाया था पुल


लगभग 7 महीने पहले नासिक (Nashik) जिले के त्र्यंबकेश्वर के इगतपुरी सुरगना क्षेत्र में पानी की किल्लत की गंभीर समस्या सामने आई थी. त्र्यंबक तालुका के शेंद्रीपाड़ा में पानी के लिए महिलाओं को लकड़ी के डंडे के सहारे पार करने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया (Video Viral)में वायरल हुआ था. यह वीडियो सीधे तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे तक पहुंचा था. इसके बाद उन्होंने इस वीडियो को संज्ञान में लेते हुए युवा सेना के कार्यकर्ताओं को तत्काल मौके पर जाकर लोहे का पुल बनाने का आदेश दिया था. तदनुसार, नदी के ऊपर एक लोहे का पुल बनाया गया. कुछ दिनों बाद आदित्य ठाकरे ने खुद इस पुल का उद्घाटन किया था.


पहली ही बारिश में बह गया पुल
पिछले 10 दिनों में त्र्यंबक तालुका, इगतपुरी तालुका के साथ नासिक जिले में भारी बारिश हुई.  कई जगह बाढ़ के हालात भी बने और लोहे का यह पुल उसी बाढ़ के पानी में बह गया. अब फिर से यहां की महिलाओं को जान जोखिम में डालकर बहती नदी के ऊपर से गुजरना पड़ रहा है. महज एक मटका पानी के लिए आदिवासी महिलाओं की जान रोज जोखिम में डाली जा रही है.


गर्मियों में नदी में पानी नहीं रहता, अब बारिश की वजह से नदी में पानी का प्रवाह तेज़ है, सिर पर मटका लेकर महिलाएं  तेज पानी की धार को पार करती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि, कुछ दिन पहले इस पुल के बाढ़ के पानी में डूबे होने की तस्वीर सामने आई थी और अब यह पुल ही बह गया है. इसलिए हमें फिर से लकड़ी के गत्ते की मदद से बहते पानी को पार करना पड़ रहा है. 


स्थानीय लोगों ने पुल बनाते समय चेतावनी भी दी थी 


तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने युवा सेना के माध्यम से तास नदी पर लोहे का पुल बनवाया था. पुल को 30 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थापित किया गया था.लेकिन साथ ही, स्थानीय लोगों ने प्रशासन और युवा सेना के पदाधिकारियों को सूचित किया था कि मानसून के मौसम में पुल पानी के नीचे रहेगा और पुल का उपयोग नहीं किया जा सकेगा. लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया और अब यह पुल मानसून के दौरान पूरी तरह से बह गया है.ऐसे में एक बार फिर महिलाओं की किस्मत में जानलेवा तरीक़े से गुजरने की नौबत आ गई है. 


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