Maharashtra: MBBS करने जॉर्जिया गई थी, पिता के कहने पर लड़ा चुनाव, 21 साल की उम्र में बन गई सरपंच
Medical Student Sarpanch: सरपंच के चुनाव में जीती 21 वर्षीय छात्रा जॉर्जिया में मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी. परिजनों के कहने पर छुट्टी लेकर लौटी थी.
Maharashtra Gram Panchayat Election Results 2022: 21 साल की यशोधरा शिंदे (Yashodhara Shinde) की डॉक्टर बनने की ख्वाहिश थी. वह अमेरिका जाकर जॉर्जिया में मेडिकल का कोर्स कर रही थी, लेकिन उसकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था क्योंकि वह महाराष्ट्र (Maharashtra) में अपने गांव लौटी और सरपंच का चुनाव लड़ी और जीत भी गई. अब वह सूबे के सांगली जिले की मिराज तहसील में स्थित अपने गांव वड्डी की बेहतरी के लिए काम करने और अपनी शिक्षा ऑनलाइन पूरी करने की योजना बना रही है.
बता दें कि, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में 7,682 ग्राम पंचायतों के लिए 18 दिसंबर को मतदान हुआ था. चुनाव के परिणाम मंगलवार को घोषित किए गए. उसी दौरान 21 साल की यशोधरा शिंदे भी जीतकर आई तो लोग चौंक गए. यशोधरा का कहना है कि वह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं. छात्रों के लिए ई-लर्निंग और अन्य शिक्षा उपकरण मुहैया कराना, बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने में मदद करना, युवाओं की आकांक्षाओं को बेहतर बनाने और किसान समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहती हैं.
यशोधरा ने अपनी पढ़ाई को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि, "मैं जॉर्जिया में न्यू विजन यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कोर्स कर रही हूं. वर्तमान में मैं चौथे साल में हूं और कोर्स का डेढ़ साल अभी पूरा होना बाकी है."
परिवार भी खुश, गांव के लोग भी खुश
उन्होंने कहा, "जब मेरे गांव में चुनावों की घोषणा हुई, तो स्थानीय लोग चाहते थे कि हमारे परिवार से कोई सरपंच (ग्राम प्रधान) पद के लिए चुनाव लड़े. इस पद के लिए मुझे मैदान में उतारने का फैसला किया गया. मुझे मेरे परिवार से फोन आया तो मैं जार्जिया से लौट आई. चुनाव लड़ा और मेरी जीत भी हुई."
यशोधरा के पिता भी खुश हैं, और उन्हें इस बात का संतोष है कि उन्होंने बेटी को विदेश से वापस बुलाकर गलती नहीं की. अब यशोधरा पढाई भी करेगी और वह राजनीति भी समझ सकेगी. गांव के विकास के लिए सरपंच के रूप में योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर, यशोधरा ने कहा है कि मेरा ध्यान महिलाओं के मुद्दों पर है.
महिलाओं और बच्चों पर फोकस
उन्होंने कहा, "मेरा विचार है कि महिलाओं को यह दिखाने का समान अवसर मिलना चाहिए कि वे क्या करने में सक्षम हैं और मैं उन्हें शिक्षित और स्वतंत्र बनाना चाहती हूं और अपने पुरुष समकक्षों पर निर्भर नहीं रहना चाहती.' इसके अलावा उनकी प्राथमिकता सूची में बच्चों का कल्याण और उनकी शिक्षा भी शामिल है.
यशोधरा शिंदे ने कहा, "मैं बच्चों को ई-लर्निंग और नवीनतम शिक्षण व्यवस्थाओं के बारे में बताना चाहूंगी." उन्होंने कहा, "मैं गांव में शौचालयों के निर्माण की दिशा में भी काम करना चाहती हूं और लड़कियों और महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिन की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करना चाहती हूं. साथ ही बच्चों को अच्छी स्वास्थ्य आदतें अपनाने की जरूरत है." उन्होंने यह भी कहा कि वह गांव के विकास के एजेंडे पर युवाओं के साथ काम करेंगी. उन्होंने कहा, "गांव में 70 से 80 फीसदी आबादी कृषि सेक्टर में लगी है और मैं उनके सतत विकास के लिए काम करना चाहूंगी."
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