Maharashtra LIVE: कांग्रेस, शिवसेना और NCP के विधायकों ने एकजुटता की खाई कसम, शरद पवार बोले-अजित पवार के साथ कोई नहीं जाएगा

महाराष्ट्र में सत्ता के लिए चल रहे उठापटक के बीच आज का दिन बेहद खास हो चला है. मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस तीनों पार्टियों के कुल 162 विधायक पहुंचे और वहां शक्ति प्रदर्शन किया. उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने विधायकों को संबोधित किया. पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

ABP News Bureau Last Updated: 25 Nov 2019 08:29 PM
होटल हयात में शरद पवार ने कहा कि सभी 162 विधायक साथ हैं और हमें आगे भी साथ रहना है. विधायकों को अधूरी जानकारी देकर अजित पवार ले गए और हमने अजित पवार को विधायक दल के नेता से हटा दिया है. फ्लोर टेस्ट में हमारे 162 से ज्यादा विधायक मौजूद रहेंगे.
होटल हयात में शरद पवार ने कहा कि सभी 162 विधायक साथ हैं और हमें आगे भी साथ रहना है. विधायकों को अधूरी जानकारी देकर अजित पवार ले गए और हमने अजित पवार को विधायक दल के नेता से हटा दिया है. फ्लोर टेस्ट में हमारे 162 से ज्यादा विधायक मौजूद रहेंगे.
ग्रैंड हयात होटल में शिवसेना, कांग्रेस और NCP के विधायकों को कसम दिलाई जा रही है. इसके अलावा उनका फोटो सेशन भी कराया जा रहा है. सभी विधायकों को एकजुट रहने की कसम दिलाई जा रही है.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि सभी 162 विधायकों को तैयार रहना है और हमने राज्यपाल को भी बता दिया है. नए विधायकों को बहकाने की कोशिश की गई है. अजित पवार ने बीजेपी के साथ सरकार बनाने की जो पहल की वो पार्टी का निर्णय नहीं है. अजित पवार को हमने पार्टी के नेता के पद से हटा दिया है और अब उनके पास कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है. बीजेपी ने कर्नाटक में भी गलत तरीके से सरकार बनाई.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारा गठबंधन बहुत लंबे समय के लिए है और मैं कांग्रेस और एनसीपी का शुक्रिया अदा करता हूं. हमें ये सोचना चाहिए कि सत्यमेव जयते हो, सत्ता में जयते न हो.
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब तो दोस्त बढ़ गए हैं और एक कैमरे में सबकी फोटो नहीं आएगी. हम आगे आएं हैं और हमारा रास्ता साफ करें. 25 साल में भी बीजेपी शिवसेना को नहीं समझी. हमें सत्ता का लालच नहीं है और जितना रोकोगे उतना हम मजबूत होंगे.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि हम यहां एक साथ हैं और 162 से ज्यादा विधायक यहां मौजूद हैं. देवेंद्र फडणवीस को अब इस्तीफा दे देना चाहिए और मैं समर्थन के लिए सभी का शुक्रिया अदा करता हूं.

फोटो सेशन हॉल में तीनों पार्टियों के नेता नारे लगा रहे हैं और फोटो सेशन हॉल में 'हम162' के बोर्ड लगे हुए हैं. एकनाथ शिंदे ने शरद पवार को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया. हयात होटल में 162 विधायकों की मौजूदगी है और वहां मीडिया के सामने चंद पलों में उनका फोटो सेशन होगा.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे ग्रैंड हयात होटल पहुंचे. आदित्य ठाकरे पहली बार विधायक बने हैं.
मातोश्री से ग्रैंड हयात होटल के लिए उद्धव ठाकरे का काफिला निकल चुका है. एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और सुप्रिया सुले पहले ही वहां पहुंच चुके हैं.
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और सुप्रिया सुले ग्रैंड हयात होटल पहुंच गए हैं.

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस विधायकों को हयात होटल लाया जा रहा है. यहां 162 विधायक कुछ देर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे. इसके साथ ही सभी का फोटो सेशन भी होगा.
आज शाम 7 बजे कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना तीनों पार्टियां मुंबई के हयात होटल में शक्ति प्रदर्शन करेंगी. तीनों पार्टियों के कुल 162 विधायकों का वहां फोटो सेशन होगा और उनकी एकता को प्रदर्शित किया जाएगा. शिवसेना के संजय राउत ने इसको लेकर ट्वीट किया है और कहा है कि तीनों पार्टियों के 162 विधायकों को एक साथ देखिए.
मुंबई में बीजेपी की कोर कमिटी की बैठक खत्म हुई. आज सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, फ्लोर टेस्ट की तैयारी और विधायको का कोआर्डिनेशन के बारे में बैठक में चर्चा हुई. बीजेपी नेता विनोद तावड़े ने कहा कि शाम 4 बजे फ़िर से बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में भी बैठक होगी.
विधानसभा भवन पहुंचे कांग्रेस नेता अशोक चौहान ने कहा कि उम्मीद है कोर्ट कल हमारे पक्ष में फैसला आएगा. बहुमत हमारे पास है. जहां तक अजीत पवार का सवाल है तो ये एनसीपी का आंतरिक मामला है, लेकिन सब ठीक है.
गुड़गांव से लाए गए दो विधायकों ने अंदर से बताया है कि उनके साथ धोखा किया गया है. हम फ्लोर टेस्ट में भी धोखा नहीं देंगे. एनसीपी चीफ शरद पवार ही हमारे नेता हैं.
बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि तीनों पार्टियों की ओर से राजभवन को दिया गया पत्र गुमराह करने वाला है.
कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में हमारे पास 170 विधायकों की संख्या है. कल कोर्ट कोई अलग फ़ैसला देगा. हमारी ही सरकार बनेगी.
कांग्रेस, एनसीपी नेताओं ने विधानसभा स्थित महाराष्ट्र के पहले सीएम यशवंत राव चौहान की मूर्ति पर फूल चढ़ाए
तीनों पार्टियां राज्यपाल के सामने विधायकों की परेड कराने की तैयारी कर रही हैं. कुल 155 विधायकों के हस्ताक्षर का पत्र तैयार किया गया है. विधायकों के नाम के डिस्प्ले बोर्ड बनाए गए हैं.
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि जब बीजेपी की सरकार बहुमत सिद्ध कर पाने पर गिर जाएगी तो हम तीनों पार्टियां सरकार स्थापित कर सकते हैं. ऐसा दावा आज हमने राज्यपाल के सामने किया. बीजेपी ने गलत कागज पत्रों के आधार पर सरकार स्थापन करने का दावा किया. अगर बीजेपी बहुमत सिद्ध कर पाने में नाकामयाब रहती है तो महाराष्ट्र विधानसभा को बर्खास्त करने का कोई कारण नहीं है. हम सरकार बनाएंगे. एकनाथ शिंदे ने कहा कि आज दूध का दूध पानी का पानी हो जाना चाहिए.
आज राजभवन पहुंचे शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने मीडिया से कहा है कि हमने 162 विधायकों की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी है. शिंदे ने कहा कि बहुमत न होने के बावजूद राज्यपाल ने फडणवीस को शपथ दिलाई. ये लोकतंत्र की हत्या है.
महाराष्ट्र के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश कल सुबह 10.30 बजे आएगा
सिंघवी ने कहा कि यह स्पीकर के चुनाव पर ज़ोर क्यो दे रहे हैं? ताकि अजीत पवार व्हिप जारी कर सकें. अयोग्यता की कार्रवाई हो सके.

सिब्बल कुछ बोलने खड़े हुए. जस्टिस रमना ने कहा कि क्या अभी दलील बाकी है? सिब्बल ने पहले ऐसे मामलों में कोर्ट ने स्पीकर का चुनाव जैसी प्रक्रिया का इंतज़ार नहीं किया है.
कोर्ट में रोहतगी ने कहा है कि विधानसभा की जब बैठक होगी तो जिसकी संख्या ज्यादा होगी, उसका स्पीकर बनेगा. यही प्रक्रिया है. प्रोटेम स्पीकर सिर्फ शपथ दिलाते हैं. स्पीकर चुने जाने के बाद विपक्ष का नेता तय होता है. फिर विश्वास मत होता है.

कोर्ट में रोहतगी 2007 के राजाराम पाल केस का हवाला दे रहे हैं. जिसमें कोर्ट ने संसद की कार्रवाई में दखल देने से मना किया था. यह लोग तुरंत सत्र बुलाने का आदेश मांग रहे हैं. राज्यपाल ने कोई महीनों के समय नहीं दिया है.

तुषार मेहता ने कहा है कि यह लोग एक याचिका दायर कर एक वकील पर तो सहमत नहीं हो पाए. कई लोग बोल रहे हैं. रोहतगी ने 2007 के राजाराम पाल केस का हवाला दे रहे हैं.
सिंघवी ने कोर्ट को आदेश सुझाया और कहा कि विशेष सत्र बुलाएं, जिसमें सिर्फ बहुमत परीक्षण हो. कोर्ट ने कहा कि हम सुनवाई कर रहे हैं. हम तय करेंगे कि क्या करना है.
तुषार मेहता ने कहा है कि जो नई चिट्ठी यह दे रहे हैं, उसमें भी कई विधायकों के नाम नहीं हैं. सिंघवी ने कहा है कि ठीक है. मैं फ्लोर टेस्ट में हारने को तैयार हूं. आप इसे होने से मत रोकिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सूरजेवाला ने पृथ्वीराज चव्हाण से कुछ पूछने के बाद आगे जाकर वकीलों से बात की है.
सिंघवी ने कहा कि वरिष्ठतम विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाकर तुरंत फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. जज फिर फ़ाइल को पढ़ रहे हैं.
सिंघवी ने कहा है कि मैं इन बातों पर ज़ोर नहीं देना चाहता. लेकिन यह अपने आप में आधार है कि फ्लोर टेस्ट आज ही हो जाना चाहिए.
कोर्ट में रोहतगी और सिंघवी में तीखी बहस हुई. इसपर जस्टिस रमना ने दोनों को शांत रहने को कहा. जस्टिस खन्ना ने कहा कि इस याचिका का स्कोप सीमित है. दोनों पक्ष इसे फैलाने में लगे हैं.
एनसीपी की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि दोनों पक्ष फ्लोर टेस्ट को सही कह रहे हैं तो फिर इसमें देर क्यों? पुराने आदेश हमारे सामने हैं. उनकी उपेक्षा नहीं की जा सकती. दस्तखत विधायकों के ज़रूर हैं, लेकिन किसी विधायक ने नहीं कहा कि वह बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं. यह धोखा है. अजित पवार को नेता चुनने के लिए लिए गए दस्तखत दूसरी चिट्ठी में लगा दिए गए.
सिब्बल ने कहा है कि ठीक है. अजीत पवार अब विधायक दल के नेता पद से हटाए जा चुके हैं. स्थितियां अब बदल चुकी हैं. अब 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट होना चाहिए.
कपिल सिब्बल ने कहा कि जिस तरह पीएम के कहने पर बिना कैबिनेट मीटिंग के फ़ैसला हुआ,वह आपातकालीन प्रावधान है. इसपर जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह बात आपकी याचिका में नहीं है. इसे न बोलें.
जज आपस में चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल ने चिट्ठी के आधार पर फैसला लिया. इसपर कपिल सिब्बल ने कहा कि कौन सी राष्ट्रीय आपदा आ गई थी कि सुबह 8 बजे शपथ भी दिलवा दी गयी. गवर्नर हड़बड़ी में क्यों आए?
एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि 22 नवंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस हुई. ऐलान हुआ कि तीन पार्टियां साथ आईं हैं. 7 बजे शाम की बात है. सुबह 5 बजे तक राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला क्यों लिया गया? ऐसी जल्दी क्या थी.

मुकुल रोहतगी ने कहा है कि किसी अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है. सीएम को विस्तृत जवाब का समय मिलना चाहिए.
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा है अगर बाद में कोई स्थिति बनी है (एनसीपी विधायकों का शरद के साथ जाना) तो इसे भी राज्यपाल देखेंगे. उनके ऊपर छोड़ा जाए. कोर्ट इसमें क्यों पड़े?
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि अजित पवार ने कहा कि मैं एनसीपी हूं. यही सही है. कोर्ट को अनुच्छेद 32 की याचिका नहीं सुननी चाहिए. इनसे हाई कोर्ट जाने को कहना चाहिए.
वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा है कि मैं अजित पवार के लिए पेश हुआ हूं. जो चिट्ठी राज्यपाल को दी गई थी, वह कानूनी रूप से सही थी. फिर विवाद क्यों? बाद में उपजी किसी कथित स्थिति पर बहस क्यों? जज फिर चिट्ठी को देख रहे हैं.

तुषार मेहता ने कहा है कि आपके आदेश का दूरगामी असर होगा. विस्तृत सुनवाई के बाद ही आदेश दीजिए. इन्होंने (विपक्ष ने) एक वेल्डिंग की है. इनको टूटने का डर सता रहा है. इसलिए जल्दबाज़ी मचा रहे हैं.
तुषार मेहता ने कहा है कि विधानसभा की कार्रवाई कैसे चले, इसमें भी कोर्ट को परहेज करना चाहिए. हमको विस्तृत जवाब दाखिल करने दीजिए. पहले आए कुछ अंतरिम आदेश (कर्नाटक आदि) के आधार पर फिर कोई आदेश न दीजिए.

तुषार मेहता ने कहा है कि राज्यपाल ने अपनी समझ के हिसाब से समय तय किया. राज्यपाल का कदम दुर्भावना से प्रेरित नहीं कहा जा सकता. राज्यपाल ने फ्लोर टेस्ट के लिए ही कहा है. समय भी तय किया है. तीनों दलों को चिंता है कि विधायक भाग जाएंगे. अभी किसी तरह से उनको पकड़ा हुआ है. कोर्ट को इस बात में क्यों पड़ना चाहिए?
मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल पर हमला क्यों? उन्होंने फ्लोर पर जाने के लिए ही तो कहा है. फ्लोर टेस्ट की तारीख कोर्ट को तय नहीं करनी चाहिए. जब इनके मुख्य मामले (राज्यपाल के आदेश को चुनौती) में ही दम नहीं तो अंतरिम मांग (जल्द फ्लोर टेस्ट) क्यों सुनी जाए.
जस्टिस खन्ना ने पूछा है कि क्या आज स्थिति यह है कि विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है? इसपर रोहतगी ने कहा कि पता नहीं. शायद उनमें आपसी विवाद है, लेकिन अब जो होगा वह विधानसभा के फ्लोर पर होगा.

बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा है कि मैं बीजेपी के लिए पेश हो रहा हूं. कुछ निर्दलीय विधायकों का भी वकील हूं. हमारे चुनाव पूर्व साथी ने साथ छोड़ दिया. फिर एनसीपी आई. हमारे समर्थक 170 हो गए. राज्यपाल ने हमें आमंत्रण दिया. अब एक पवार हमारे साथ हैं. एक पवार दूसरी तरफ बैठे हैं, जिनके पारिवारिक झगड़े से हमें क्या लेना देना? यह लोग नहीं कह रहे कि विधायकों के दस्तखत नकली हैं. कहानी बना रहे हैं कि धोखे से विधायकों के हस्ताक्षर लिए गए हैं. यह केस कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा मामले से अलग है.
तुषार मेहता ने कहा है कि मामले पर विस्तृत सुनवाई की ज़रूरत है. ये मामला हड़बड़ी में नहीं निपटाया जा सकता.
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि तब राज्यपाल ने न्योता दिया. क्या इसे उस तरह से कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है?
सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस की चिट्ठी का भी अनुवाद मांगा. मेहता उसे पढ़ रहे हैं. चिट्ठी में लिखा है, ‘’मैं फडणवीस विधायक दल का नेता चुना गया हूं. एनसीपी ने समर्थन दिया है. 11 दूसरे विधायकों का समर्थन है. कुल 170 का समर्थन मुझे हासिल है.
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि क्या राज्यपाल को इस मसले पर कोई जांच बैठानी चाहिए थी. उन्होंने उपलब्ध सामग्री के हिसाब से फैसला लिया.
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि राज्यपाल ने अजित पवार की चिट्ठी पर फडणवीस को न्योता दिया. राज्यपाल ने लिखा, ‘’आप अपनी पार्टी के विधयक दल के नेता चुने गए हैं. आपने 11 दूसरे विधायकों के समर्थन की भी चिट्ठी दी है. अजित पवार ने भी आपके पक्ष में चिट्ठी दी है. मैं आपको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करता हूं.’’
तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में अजित पवार की चिट्ठी दी है. अजित पवार की तरफ से राज्यपाल को दी गई चिट्ठी में लिखा है, ‘’मैं अजीत पवार विधायक दल का नेता हूं. मुझे सब विधायकों का समर्थन है. राष्ट्रपति शासन ज़्यादा नहीं चलना चाहिए. हमने तय किया है कि फडणवीस को समर्थन दें. इस चिट्ठी में 54 विधायकों के दस्तखत हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि राज्यपाल को अजित पवार ने चिट्ठी दी. इसकी तारीख 22 नवंबर है. इस पर लिखा गया कि वह एनसीपी विधायक दल के नेता हैं. मेहता ने कहा कि मैं राज्यपाल के सचिवालय की नुमाइंदगी कर रहा हूं. याचिकाकर्ता 12 नवंबर के बाद से राज्यपाल के पास नहीं गए.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि उन्होंने 9 नवंबर तक इंतजार किया. सबसे बड़ी पार्टी को न्योता दिया. BJP ने मना कर दिया. 10 तारीख को शिवसेना से पूछा. उसने भी मना कर दिया. 11 को एनसीपी ने भी मना किया. फिर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया. राज्यपाल को पता था कि एक चुनाव पूर्व गठबंधन जीत गया है.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि सवाल यह है कि क्या अनुच्छेद 32 की याचिका में राज्यपाल के आदेश को इस तरह चुनौती दी जा सकती है? राज्यपाल को पता था कि एक चुनाव पूर्व गठबंधन जीत गया है.

एक कोई याचिकाकर्ता है, जो 3 पार्टियों के चुनाव बाद गठबंधन के खिलाफ है. अपनी बात पर सुनवाई की मांग कर रहे हैं. कोर्ट ने इस पर कुछ नहीं कहा है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला, पृथ्वीराज चव्हाण और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं.
सातारा पहुंचे एनसीपी चीफ शरद पवार से सवाल किया गया था कि क्या ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के लिए शिवसेना से बात हुई थी? इसपर शरद पवार ने कहा हां बात हुई थी, लेकिन सहमति नहीं बनी.
शिवसेना के वकील कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. अभिषेक मनु सिंघवी भी कोर्ट पहुंच गए हैं. वहीं केंद्र की ओर से मुकुल रोहतगी भी कोर्ट पहुंच गए हैं.
डिप्टी सीएम अजित पवार अपने घर से निकल गए हैं. एनसीपी नेता छगन भुजभल ने उनसे करीब एक घंटे तक बैठक की है. हालांकि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई, इसको लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है.
महाराष्ट्र मामले में थोड़ी देर बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरु होगी. शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र में तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा.
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि एनसीपी से ढाई-ढाई साल की हमारी कोई बात नहीं हुई है. अजित पवार को ढाई साल का मुख्यमंत्री बीजेपी बना सकती है ऐसी खबर मेरे पास है. आज राज्यपाल से तीनों पार्टी मिलने पहुंच रही हैं. बहुमत हमारे पक्ष में है. अगर एनसीपी से टूट कर बीजेपी में जा सकते है तो बीजेपी से टूटकर विधायक शिवसेना में भी आ सकते हैं. होटल में बुकिंग न मिलने की वजह से होटल बदले जा रहे हैं.
आज संसद के दोनों सदनों में महाराष्ट्र के मुद्दे पर हंगामा हो सकता है. राज्य में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार गठन की प्रक्रिया को लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर है. राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट आज इस मसले पर कोई आदेश दे सकता है लिहाज़ा संसद में भी इसपर हंगामा होना तय माना जा रहा है.
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशयारी मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं. महाराष्ट्र सदन से निकल गए हैं. वहीं, शरद पवार सतारा के कराड पहुंच गए हैं. वह यहां महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण की पुण्यतिथि के मौके पर उनकी समाधी पर पहुंचे हैं.
उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार से एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल मिलने पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि एनसीपी नेताओं ने अजित पवार को मनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं.
आज सुबह नवाब मलिक ने ट्वीट करके लिखा, ‘’अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की. हम होंगें कामयाब.’’
इतना ही नहीं विधायकों ने बताया, ‘’होटल में कुछ कांग्रेस नेताओं को भी भेजा गया था. वहां हरियाणा पुलिस की सुरक्षा बहुत ज़्यादा थी और हर फ्लोर पर बाउंसर थे.’’ विधायकों ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी नेताओं ने ‘किंगडम ऑफ़ ड्रीम्स’ पहुंचकर हमें अपने कब्जे में लिया.
मुंबई लौटने वाले विधायकों का आरोप है, ‘’हमें गुरुग्राम के ओबरॉय होटल में रखा गया था. वहां बहुत ज़्यादा सुरक्षा थी. कल दोपहर को जब हमें ‘किंगडम ऑफ़ ड्रीम्स’ में खाना खाने के लिए ले जाया गया, तब हमने एनसीपी चीफ शरद पवार से और बाक़ी सीनियर नेताओं से संपर्क किया. हमने उन्हें बताया कि हम गुरुग्राम में हैं.’’
एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने एबीपी न्यूज़ से कहा है कि अब अजित पवार खेमें में सिर्फ एक विधायक बचा है, उससे भी हम संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि अजित पवार अपनी गलती सुधारें.
एनसीपी के पांच लापता विधायकों में से तीन विधायक अनिल पाटिल, दौलतसदरोड् और नितिन पवार दिल्ली से मुंबई आ रहे हैं. इन तीनों को वापस लाने में अहम भूमिका शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के बेहद करीबी मिलिंद नारवेकर, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी के विधायक जितेंद्र अव्हाड की है.
उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार ने कल देर रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. मीडिया का भारी जमावड़ा था, मौजूदा हालात पर अजित पवार का पक्ष लेने की सभी ने कोशिश की लेकिन अजित पवार ने किसी से कोई बात नहीं की. सीएम फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार की मुलाकात करीब 45 मिनट तक चली.
महाराष्ट्र में सत्ता की जोड़तोड़ के बीच शिवसेना ने सामना के जरिए आज बीजेपी और अजित पवार पर तीखा हमला बोला है. कल तक अजित पवार को लेकर थोड़ी नरम दिख रही शिवसेना ने आज उन्हें भैंसा से लेकर उठाईगीर तक कह डाला. सामना में लिखा है कि अजित पवार के सहारे विधायक जुटाना भैंसे से दूध दुहने जैसा है.
एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार थोड़ी देर पहले अपने घर से निकले हैं. जानकारी ये आ रही है कि वो महाराष्ट्र के पूर्व सीएम यशवंतराव चव्हाण की 35वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शरीक होने सातारा जा रहे हैं.

बैकग्राउंड

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता के लिए चल रहे उठापटक के बीच आज का दिन बेहद अहम है. आज सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से आज जो फैसला आएगा उससे आगे की दशा और दिशा तय होगी. कल की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने आज फिर सुनवाई की तारीख दी थी. साथ ही केंद्र, राज्य, फडणवीस और अजित पवार को नोटिस दिया गया.


 


बीजेपी और बीजेपी विरोधी दल दोनों दावा कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत है और वो इसे सदन में साबित करके दिखाएंगे. बीजेपी का दावा है कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है. जबकि एनसीपी-शिवसेना और कांग्रेस गठबंधन कह रहे हैं कि उनके पास 170 विधायक हैं. महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पर नजर डालें तो चुनावों में जो नतीजे आए हैं उसके मुताबिक, बीजेपी 105 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. शिवसेना ने 56 सीटें, एनसीपी ने 54 सीटें जबकि कांग्रेस को 44 सीट मिली थीं. 29 सीटें अन्यों के पास थीं.  288 के सदन में बहुमत साबित करने के लिए 145 सीट चाहिए. राज्य से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.


 


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