Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने प्रदेश में हुक्का बार और लॉन्ज को बंद करने के लिए एक कानून बनाया है. कानून के मुताबिक इसका उल्लंघन होने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है. सरकार ने इस कानून को पारित कर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया है. 


वहीं प्रदेश की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार के इस कदम पर कहा कि राज्य की पूर्व सीएम और बीजेपी नेता उमा भारती प्रदेश में शराब बंदी की मांग कर रही हैं लेकिन शिवराज सरकार सिर्फ हुक्का बार पर रोक लगा रही है. इससे क्या संदेश जाता है?


'दो महीने पहले ही शुरू हो गई थी कवायद'
करीब दो महीने पहले मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आदेश पर राज्य के बड़े शहरों में बड़े पैमाने पर हुक्का बार पर छापामार कर उनको बंद कर दिया गया था. मगर कुछ दिनों के बाद ही हुक्का और लॉन्ज वाले कोर्ट का आदेश ले आये और फिर से लॉन्ज खोल लिए.


पांबदी के दौरान क्या समस्या हो रही थी?
हुक्का बार पर पाबंदी के खिलाफ सरकार के पास कोई कानून और उसकी धारा नहीं थी इसलिए दो महीने की मेहनत के बाद सरकार ने मध्य प्रदेश में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम में संशोधन कर कुछ नए प्रावधान जोड़े और उसमें हुक्का बार को प्रतिबंधित करने की धारा भी जोड़ दी.


अब इस कानून का उल्लंघन करने और हुक्का बार चलता पाए जाने पर तीन साल की सजा भी होगी. 


क्या बोली कांग्रेस?
राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही कानून बनाने के बाद मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो हुक्का बार पर पाबंदी लगाएगा. प्रदेश के छोटे बड़े शहरों में करीब दो सौ से ज्यादा हुक्का बार होंगे जहां नई उम्र के लड़के लडकियां हुक्के के नाम पर नशा करते हैं. सरकार का मकसद इन युवाओं को इससे बचाना है. उधर कांग्रेस इस कानून को आधे अधूरे मन से किया गया प्रयास बता रही है.


इस कानून को यदि राष्ट्रपति की अनुमति मिल जाती है तो फिर इसे आने वाले विधानसभा सत्र में रखकर कानून बना दिया जायेगा और मध्य प्रदेश में हुक्का बार और लॉन्ज गुजरे जमाने की बात हो जाएंगे.


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