नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर कई फोटो, मैसेज और वीडियो वायरल होते हैं. इन फोटो, मैसेज और वीडियो के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा इन दिनों सोशल मीडिया पर सनसनी मचा रहा है.


पिछले दो दिन से आप रैन्समवेयर नाम का एक शब्द सुन रहे हैं ये शब्द नहीं ये इंटरनेट के जरिए दिनदहाड़े डकैती डालने वाले लुटेरे का नाम है जिसका ना तो कोई चेहरा है और ना ही कोई अता-पता. इसी रैन्समवेयर के नाम से सोशल मीडिया पर चार चौंकाने वाले दावा किए जा रहे हैं.


रैन्समवेयर को लेकर किए जा रहे दावे और उनका सच


पहला दावा- अगले दो-तीन दिन तक एटीएम बंद रहेंगे, क्योंकि भारत में रैन्समवेयर साइबर अटैक हुआ है.
दावे का सच- एबीपी न्यूज ने देश भर के एटीएम की पड़ताल की. हमने जानने की कोशिश की दिल्ली से लेकर मध्य प्रदेश तक और मुंबई से लेकर गुजरात तक क्या एटीएम वाकई काम नहीं कर रहे हैं. पड़ताल में सामने आया कि कहीं एटीएम चल रहे थे तो कहीं नहीं चल रहे थे. यानि देश भर के एटीएम 3 दिन के लिए बंद रहेंगे ये दावा सही नहीं है.


इस दावे को लेकर पंजाब नेशनल बैंक के सीईओ सुनील मेहता ने बताया, ''रैन्सम वेयर से फिलहाल हमें कोई नुकसान नहीँ हुआ है लेकिन हमने ऐतिहात के तौर पर सुरक्षा से जुड़े क़दम उठाए हैं. पीएनबी के नेटवर्क में हम बाहरी मेल को स्वीकार नहीँ करते.''


साइबर एक्सपर्ट नितिन भटनागर ने बताया, ''ATM मशीन का इंटरनेट के साथ में कोई सीधा संपर्क नहीं होता. ATM मशीन यह बैंकिंग सिस्टम का एक हिस्सा होती है और उसका संबंध सीधे-सीधे बैंकों के नेटवर्क के साथ में होता है. ऐसे में उस में ATM कार्ड डालना सुरक्षित है.''


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक की तरफ से एटीएम बंद रखने के कोई भी निर्देश जारी नहीं किए गए हैं लेकिन सुरक्षा के लिहाज से बैंकों को एडवाइजरी जरूर जारी की गई थी. रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा कि एटीएम भी कंप्यूटर की तरह ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं बैंकों को निर्देश थे कि वो ऑपरेटिंग सिस्टम को सुरक्षा के लिहाज से अपडेट कर लें.


तीन दिन एटीएम बंद रहने वाला दावा झूठा है


दूसरा दावा- अपने सभी दोस्तों और परिचितों को बताइए कि वो डांस ऑफ हिलरी के नाम से वीडियो को ना खोलें. ये एक वायरस है जो आपके मोबाइल को फॉर्मेट कर देगा यानि पूरा डाटा उड़ा देगा. सावधान रहिए ये बेहद खतरनाक है.
दावे का सच- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया, ''डांस ऑफ हिलेरी एक वायरस के बारे में बताता है. यह लोगों को गुमराह करने का नया प्रचलन है.
असलियत और झूठी खबरों का मिश्रण होता है, इस तरह के मैसेज पर ध्यान नहीं देना चाहिए. इनमें किसी तरह का सच नहीं होता.''


यानि डांस ऑफ हिलरी वाला दावा झूठा साबित हुआ है


तीसरा दावा- किसी भी तरह का ऑनलाइन लेन-देन मत करिए, किसी भी तरह की ऑनलाइन शॉपिंग से बचिए और एंटीवायरस ऑन रखिए.


दावे का सच- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया, ''ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल की बुनियाद विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम है. अगर विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम अपडेट नहीं है तो खतरा है. इस बात पर भी निर्भर करता है कि कौन सा शॉपिंग प्लैटफॉर्म है, सुरक्षा इंतजाम ना होने पर उन्हें शिकार बनाया जा सकता है.''


चौथा दावा- सिर्फ अफ्रीका को छोड़कर हर देश की आईटी कंपनी को हैक कर लिया गया है. कुल 74 देश इससे प्रभावित हुए हैं. ऐसे किसी मेल को मत खोलिए जिसमें tasksche.exe" नाम से फाइल अटैच दिखा रहा है.


दावे का सच- साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया, ''दावा बिल्कुल बेबुनियाद और गलत है.अफ्रीका में भी ransomeware ने अटैक कर दिया है
बाकी देशों की तुलना में असर कम है. अफ्रीका के पूरी तरह सुरक्षित होने की बात गलत है.यूरोप, भारत, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया में ज्यादा असर है.''


पवन दुग्गल ने आगे बताया, ''.exe से शुरु होने वाली फाइल प्रोगाम फाइल होती है, ये फाइल वाइरस का स्वरूप होती है. कभी भी.exe लिखे अटैचमेंट को ना खोलें.''


अफ्रीका में साइबर अटैक ना होने का दावा झूठा है जबकि.EXE अटैचमेंट वाली फाइल ना खोलने वाली चेतावनी सच साबित हुई है.


क्या है रैन्समवेयर वायरस?
दरअसल रैन्समवेयर के नाम से दुनिया के 150 देशों में कंप्यूटर पर अटैक हुआ. इस अटैक के बाद कंप्यूटर में मौजूद डाटा लॉक हो जाता है और वो तब तक अनलॉक नहीं होता जब तक फिरौती की रकम नहीं चुका देते. कंप्यूटर पर फाइल लॉक का साइन दिखाता है और मांगी गई रकम चुकाने के बाद ही आपका डाटा अनलॉक हो सकता है.