नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर हर रोज कई फोटो, वीडियो और मैसेज वायरल होते हैं. वायरल हो रहे इन फोटो, वीडियो और मैसेज के जरिए कई चौंकाने वाले दावे भी किए जाते हैं. ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया पर सनसनी बढ़ा रहा है.


सोशल मीडिया पर दावा है कि व्हाट्सएप पर गुड मॉर्निंग भेजने पर भी सरकार 18 फीसदी जीएसटी लगाएगी. जिसका भुगतान महीने के अंत में आपको अपनी जेब से करना होगा.


क्या लिखा है वायरल मैसेज में?
सोशल मीडिया पर वायरल अखबार की एक कटिंग में बड़े-बड़े शब्दों में लिखा है कि गुड मॉर्निंग मैसेज पर लगेगा 18% जीएसटी. वायरल खबर में लिखा है कि आने वाले 1 अप्रैल से जो गुड मॉर्निंग मैसेज भेजे जाएंगे, सरकार उन पर टैक्स लगाएगी.


आगे लिखा है कि मोबाइल संचार मंत्रालय के चीफ सेक्रेटरी लेख पाल के अनुसार आप जो भी गुड मॉर्निंग मैसेज भेजेंगे वॉट्सऐप मेसेंजर उनका हिसाब रखेगा. ऐसे मैसेज पर 18 फीसदी जीएसटी तय किया गया है जिसका महीने के अंत में बिल जेनेरेट होगा औऱ मोबाइल बिल के साथ उसका पेमेंट करना होगा.


वायरल खबर में बताया गया कि GST लगाने की जरूरत क्यों पड़ी?
वायरल खबर में लिखा है कि सरकार ने ये फैसला उस रिपोर्ट के सामने आने के बाद लिया है जिसके अनुसार सुबह-सुबह लाखों गुड मॉर्निंग मैसेज भेजे जाने की वजह से भारत में इंटरनेट की स्पीड धीमी पड़ जाती है.


सरकार को उम्मीद है कि टैक्स लगाने से लोग गुड मॉर्निंग मैसेज कम भेजेंगे और इंटरनेट की स्पीड सुधर जाएगी लेकिन अगर इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरी तो सरकार गुड मॉर्निंग मैसेज रिसीव करने वालों को भी टैक्स के दायरे में लाएगी.


एबीपी न्यूज़ ने वायरल मैसेज की पड़ताल
हमने पड़ताल के लिए भी सोशल मीडिया को ही जरिया बनाया और ये तलाशना शुरू किया कि ये खबर कब से वायरल हो रही है. पता चला कि सबसे पहले 3 मार्च को ये खबर शेयर होनी शुरू हुई थी.


ऐसे में हमने 1 मार्च से लेकर 3 मार्च तक के सारे हिंदी अखबार छानना शुरू किया ताकि ये पता चल सके कि खबर किस संदर्भ में छपी है. इसी दौरान हमें 2 मार्च को दिल्ली से प्रकाशित नवभारत टाइम्स अखबार का संस्करण मिला जिसमें पहले पन्ने पर पहली खबर ही यही छपी थी.


नामी हिंदी अखबार में खबर छपी है तो क्या सच में गुड मॉर्निंग मैसेज पर 18 फीसदी जीएसटी देना होगा? इस सवाल के सस्पेंस को खत्म किया अखबार की सबसे आखिरी लाइन ने. असल में ये खबर 2 मार्च को यानि होली के दिन बुरा ना मानो होली है की तर्ज पर मजाक की तरह छपी थी जो देखते-देखते वायरल हो गई.


ऐसे में हमारी पड़ताल में गुड मॉर्निंग मैसेज पर 18 फीसदी जीएसटी का दावा झूठा साबित हुआ है.